इस लेख में हम पागलपन के एक केस की चर्चा करेंगे कि कैसे रोगी के लिए दवा का चुनाव किया गया और दवा सफल रहा।
बहुत बड़े होमियोपैथ सर केन्ट साहब उच्च शक्ति के पक्षधर थे। एक दो केस में मैंने खुद उच्च शक्ति 10M का सिंगल डोज़ कुछ मानसिक अवसाद के रोगियों को दिया और कुछ दिनों बाद वे अच्छे हो गए। उनकी मानसिकता में बहुत सुधार हुआ। मुझे ऐसा प्रतीत हुआ कि उच्च शक्ति मन की गहराई में जाकर दुःख को हटा देती है। रोगी अपने दुःख को ही भूल जाता है और खुश होने लगता है।
एक केस की चर्चा यहाँ करूँगा कि एक रोगी पोस्ट इंफेक्शियस क्रोनिक साइकोसिस से 15 साल से पीड़ित था। नाम देवेंद्र शर्मा, उम्र करीब 42 साल। चिल्लाने-चीखने के दौरे कभी-कभार आते थे। गली-मोहल्ले वाले चीखने की आवाज से उसके घर पर इकठ्ठा हो जाते थे। रोगी संगीत का टीचर, व्यवहार अच्छा। दौरे आने पर नाचता था, गाता था। घर्म सम्बंधित बकवास करता था। भगवान् से प्रार्थना करता था, कविता बनाता था। धार्मिक मैनिया और वाचालता जैसे लक्षण मैंने नोट किये। 15 साल पहले दिमाग का बुखार आया था तब से पागल हो गया। हमेशा पागल नहीं रहता कभी-कभार दौरे आते थे।
मैंने टोटलीटी ऑफ सिम्प्टम बनाई। तीन मेडिसिन जो सामने निकल कर आई वो थी :-
Belladonna, Hyoscyamus और Stramonium
इन तीनों में से किसी एक को चयन करने में मुझे पसीना आ गया। मैंने वाचालता देखी तो Lachesis जोड़ ली। घर्म वाले लक्षण देखकर Veratrum Album भी जोड़ ली। फिर मैंने मेटेरिया मेडिका उठाई। Belladonna रिजेक्ट क्यूँकि घार्मिक बकवास नहीं था। Hyoscyamus रिजेक्ट की क्यूँकि रोगी में कामुकता अश्लीलता नहीं थी और घर्म सम्बन्धी बकवास इसमें बहुत कम था। वाचालता पर गया तो भी Belladonna हट गई और Hyoscyamus भी गई। अब बची Lachesis, Stramonium, Veratrum Album तीनो में धार्मिक पागलपन है। मेटेरिया में और डीप में गया तो देखा कि कविता बनाना, गाने गाना और धर्म सम्बंधित मेनिया Stramonium में था। यहाँ Veratrum Album और Lachesis भी दौड़ में थी। रिलीजियस मेनिया तीनो में था।
वाचालता यानि loquacity को देखा तो Veratrum हट गई। अब बची Lachesis और Stramonium। नाचने-गाने, चिल्लाना-चीखना, डांटने का और प्रार्थना करना ये Lachesis में नहीं थी। रोगी लगातार बातें किया करता था। यहाँ तक कि छह घंटे तक बक-बक कर रहा था। ये बात मुझे पता चली तब Stramonium पर आया। शायद Lachesis में लगातार लम्बे घंटे की वाचालता नहीं है। एक अद्भुत लक्षण जो रोगी ने मुझे बताया था जब वह अच्छा व्यवहार कर रहा था कि वह बहुत लम्बा हो गया है। आसमान तक। आसमान भगवा हो गया है। पत्नी छोटी हो गई है। बस फिर क्या था मेटेरिया में साफ़ वर्णित है रोगी अपने आपको लम्बा दुगुना समझता है। यह डिलुजन Stramonium में था।
केन्ट रिपरटरी में भी इसी लक्षण पर Stramonium का जिक्र था और मैंने कड़ी मशक्कत के बाद Stramonium 10M single dose 2 बून्द थोड़े पानी में दे दी। आज 3 महीने बाद रोगी के दौरे बंद हैं। कॉलोनी में पहले की तरह चलता-फिरता है। साथ ही Psychiatric से चल रही एलोपैथिक दवा भी खाता है।
यह था अद्भुत पागलपन का केस जो ठीक होने के कगार पर है। वह दौरे जो MD Psychiatric 15 साल से बंद नहीं कर पा रहा था होमियोपैथी से चमत्कार होता देखा गया, कुछ लोगो का कहना है कि नहीं ये होमियोपैथी से नहीं हुआ एलोपैथी दवा से हुआ है परन्तु एलोपैथी करती तो दौरे जो 15 साल से हो रहे थे वो पहले ही बंद हो जाते। खैर ये अपनी-अपनी सोच हैं परन्तु बहुत सारे ऐसे केस हैं जहाँ एलॉपथी बेअसर हुआ है वहां होमियोपैथी ने अपना असर शुरू किया है। आशा है आपको मेरी लेख पसंद आई होगी, अगर अच्छी लगी हो तो लेख को share जरूर करें। धन्यवाद