इस पोस्ट में आँख के विभिन्न समस्याओं का अंग्रेजी दवा बताया गया है।
डाइक्रिस्टीसीन एस (साराभाई कंपनी) – यह आधा ग्राम तथा एक ग्राम (फोर्ट) , इन्जेक्शन के रूप में प्राप्य है । डिस्टिल वाटर में घोलकर नित्य या एक दिन बीच में छोड़कर प्रयोग करें। विभिन्न नेत्ररोगों में शोथ, पूय आदि की अवस्था में संक्रमण रोकने के लिए उपयोगी है । बच्चों के लिए इसी नाम से पेडियाट्रिक इन्जेक्शन आता है।
टेरामायसिन (फाईजर कंपनी) – बच्चो को 10 से 20 मि.ग्रा. प्रतिकिलो शरीर भार तथा वयस्कों को 250 से 500 मि.ग्रा. 12 घण्टे पर मांसपेशी में इन्जेक्शन लगायें । लाभ डाइक्रिस्टीसीन इन्जेक्शन की ही भाँति है ।
एम्पीसिलीन (लायकालैब्स तथा अन्य विभिन्न कम्पनियाँ) – इस योग के 250 तथा 500 मि.ग्रा. तक के इन्जेक्शन बाजार में उपलब्ध हैं । वयस्कों को 250 से 500 मि.ग्रा. तक रोगानुसार प्रयोग करायें । लाभ उपर्युक्त की भाँति ।
नोवाल्जिन इन्जेक्शन (हैक्स्ट कम्पनी) – 3 से 5 मि.ली. तक व्यस्कों को मांस में। विभिन्न नेत्र रोगों में पीड़ा के लिए उपयोगी है । ग्लोकोमा रोग में प्रयोग न करें ।
रोशलिन कैपसूल (रैनबक्सी कम्पनी ) – 500 मि.ग्रा. का एक कैपसूल दिन में 1-2 बार। विभिन्न नेत्र रोगों-शोथ, पूय आदि की अवस्था में उपयोगी है। इसके 250 मि.ग्रा. के भी कैपसूल उपलब्ध हैं ।
रेस्टेक्लीन कैपसूल (साराभाई) – 250 मि.ग्रा. का एक कैपसूल 4-6 घण्टे पर विभिन्न नेत्र रोगों-शोथ, पूय आदि की अवस्था में उपयोगी है ।
ओरियोमाइसिन (लेडरले) – मात्रा व लाभ उपर्युक्त ।
सल्फाडायजिन (एम. एण्ड बी.) – 1-2 टैबलेट दिन में 3-4 बार। लाभ उपर्युक्त।
आक्सालजिन (खण्डेलवाल कपंनी) – 1-2 टैबलेट दिन में 3-4 बार। पीड़ा तथा शोथ नाशक !
प्रिस्कोल (सीबा कंपनी) – 1-2 टैबलेट 3-4 बार ताजे जल से। कनीनिका प्रदाह तथा कनीनिका व्रण में उपयोगी है ।
रोनिकोल (रोश कंपनी) – आधी से एक टैबलेट में दिन में 2-3 बार । रात्रि-अन्धता में उपयोगी है ।
ऐरोबिट (रोश कंपनी) – इसका प्रयोग तथा लाभ उपर्युक्त टैबलेट के समान ही है।
डायामोक्स टैबलेट (लेडरले कंपनी) – आधी से एक टैबलेट (आवश्यकतानुसार) यह औषधि ग्लोकोमा में नेत्र-दाब को कम करती है ।
ऐडक्सोलीन (ग्लैक्सो कंपनी) – एक कैपसूल दिन में 3-4 बार (आवश्यकतानुसार) नेत्र ज्योति वर्धक है ।
डेवटोल फोर्ट कैपसूल (डेज कंपनी) – सेवन विधि तथा लाभ उपर्युक्त औषधि के समान।
ब्राह्य प्रयोग वाली औषधियाँ
पेनिसिलिन आई ऑइंटमेंट (फाईजर कंपनी) – इफ्कोर्लिन आई ऑइंटमेंट (ग्लैक्सो, टेरामायसिन आई ऑइंटमेंट (ग्लैक्सो) क्लोरोमायसिन आई ऑइंटमेंट (पी.डी.), बेटनेसोल आई ऑइंटमेंट (ग्लैक्सो), नीबासल्फ आई ऑइंटमेंट (फाईजर), सुवाकोर्ट आई ऑइंटमेंट । इनमें से कोई सा एक मरहम सलाई से आँख में लगायें । सभी मरहम नेत्र के विभिन्न संक्रमणों में प्रयोज्य हैं ।
एल्ब्युसिड आई ड्राप्स (इण्डियन शैरिंग) – आइमाइड आई ड्राप्स (एमाइड कम्पनी) जेण्टीसिन आई ड्राप्स (इण्डियन शैरिंग), डेकाड्रोन आई ड्राप्स (एम. एस. डी.) इन सभी ड्राप्स के लाभ उपर्युक्त मरहमों की भाँति ही हैं । कोई सा एक आई ड्राप्स आँख में बूंद-बूंद करके 1-2 बूंद दिन में 2-3 बार डालें ।
पिलोकार आई ड्राप्स (फेयरफील) – प्रयोग उपर्युक्त । अधिमन्थ में उपयोगी है।