सपाट स्तन यदि अल्प मासिकस्राव के साथ हों तो होम्योपैथिक औषधियां उन पर आश्चर्यजनक रूप से प्रभावकारी होती हैं।
एलोपैथी : प्लास्टिक सर्जरी के इस क्षेत्र-विशेष में व्यापार उस सीमा तक पहुंच गया है जहां सर्जन और रोगिणी, दोनों को ही जीवन भर पछताना पड़ता है। सर्जन को तब पछताना पड़ता है जब प्रतिफल रोगिणी की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं होता। इस रोग से पीड़ित अधिकांश स्त्रियां हीनता की भावना से ग्रस्त होती हैं। रोगिणी को उस समय यातना सहन करनी पड़ती है जब देर-सवेर स्थिति बिगड़ जाती है। इन दिनों निर्माताओं के खिलाफ न्यायालयों में बहुत से मामले चल रहे हैं। अभी हाल में, मुझे सौंपे गए एक काम के सिलसिले में लंदन में मेरे प्रवास के दौरान यह जानकर दु:ख हुआ कि किस प्रकार एक शिक्षण से संलग्न अस्पताल के दस वर्ष पूर्व अवकाश ग्रहण कर चुके 75 वर्षीय प्लास्टिक सर्जन पर एक रोगिणी द्वारा इस बात के लिए मुकद्दमा किया गया कि सुंदरता बढ़ाने के लिए की गई स्तन की शल्यक्रिया के दौरान काटी गई त्वचा पर दाग एक पतली लाइन की अपेक्षा अधिक उभरे और सुव्यक्त थे। स्वास्थ्य प्राधिकरण को उस महिला को 1,32,000 पौंड क्षतिपूर्ति के रूप में देने पड़े।
होम्योपैथी : ऊंची पोटेंसी में ओनोसमोडियम जिसे लंबे अंतराल पर ही दुहराना चाहिए तथा उसके बाद सबाल सेयलेटा 30 दिन में दो बार। ये औषधियां अविकसित स्तनों वाली युवतियों का जीवन परिवर्तित कर देती हैं। यदि युवती क्षीण दृष्टि और सिर के अग्र भाग में पीड़ा के साथ अविकसित स्तन रोग से पीड़ित हो तो ओनोसमोडियम एक वरदान है, किंतु यह ऊंची पोटेंसी में ही दिया जाना चाहिए।