यह औषधि सांप के विष से तैयार की जाती है अन्य विषों के समान यह औषधि भी मानव शरीर पर गहरी क्रिया करती है। इसमें भी (आर्सेनिक) की तरह श्वास कष्ट होता है और शारीरिक तथा मानसिक बैचेनी पायी जाती है। रोगी थोड़ा-थोड़ा पानी पीने को मांगता है, कपड़े ढीले करने पड़ते हैं (लैकेसिस की तरह) । रोगी का स्वभाव निरन्तर बदलता रहता है, डरावने सपने देखता है। स्त्री व पुरुष दोनों में ही काम इच्छा बढ़ जाती है। दायें डिम्माशय में दर्द होता है रोगी बिस्तर में लेटने की अपूर्ण कोशिश करता है। यह एक गूढ़ क्रिया करने वाली औषधि है।
हृदय – रोगी को ऐसा लगता है जैसे उसका हृदय फैल गया हो और उसने सारी छाती को घेर लिया हो, जैसे पेट में हृदय आ गिरा हो। बाएं कन्धे के जोड़ के नीचे तेज चुभन तथा कड़कड़ाहट होती है।
सिर – माथे की हड्डी के बाएं उभार पर और बाईं ओर के दांतों में दर्द रहता है। आंखों के आसपास सूजन, दर्द और आंखों में खुजली रहती है। रोगी भुलक्कड़ अन्यमनस्क और स्वभाव बदलता रहता है, रोगी भयानक और कामुक स्वप्न देखता है।
सम्बन्ध – आर्स, लैकेसिस, क्लोथो अरिक्टेन्स से तुलना कीजिए।
मात्रा – 6 शक्ति।