इस औषधि की मसाने तथा जननेन्द्रिय पर प्रधान क्रिया होती है। जिन स्त्रियों का स्तन बढ़ा होता है और जो रक्त प्रधान होती है उनकी धातु में यह विशेष फायदा करती है।
लिम्फैटिक-ग्लैण्ड (लसिका ग्रन्थि) उदर ग्रन्थि और स्तन की ग्रन्थियों पर भी इसकी विशेष पकड़ है।
स्त्री – योनि के ऊपरी भाग में सूजन, दर्द और प्रदाह, स्तनों का दर्दनाक अर्बुद, स्तनों में बहुत अधिक दूध का इकट्टा होना, स्तनों का सुकड़ाव, उन स्त्रियों के लिए विशेष लाभदायक है, जिनके स्तन बहुत बड़े रहते हैं।
पेशाब – रोगी को हर समय मूत्रत्याग की इच्छा बनी रहती है, पेशाब गदला, दुर्गन्धित, उसमें रेशे या खून मिला श्लेष्मा आता है। पेशाब करते समय जलन की अनूभति होती है और बाद में अधिक जोर लगाना पड़ता है, पेशाब कम मात्रा में होता है। पेशाब में चीनी, वृक्कप्रेदश (region of kidney) में फड़फड़ाहट होती है।
दांतों में दर्द, जो भोजनोपरान्त और बढ़ता है। माथे के बाएं उभार में दर्द होता है, पलकों में खुजली होती है।
सम्बन्ध – चिमाफिला मैक्यूलेटा (अत्यधिक भूख, जैसे कोई अंतड़ियों को दांतों से कुतर रहा हो, जलन के साथ ज्वर, कक्षा गर्तों में सूजन की अनुभूति) लीडम, इपीजिया।
मात्रा – Q से x शक्ति।
Tags : chimaphila umbellata 30, chimaphila umbellata mother tincture, chimaphila umbellata uses in hindi