[ Condor Plant ] – यह औषधि पाचन क्रिया को उत्तेजित करती और पाकस्थली की जिन ग्रन्थियों से पाचक रस निकलकर मांस, दाल इत्यादि प्रोटिड-खाद्यों को पचाता है उन सभी ग्लैण्डों पर इसकी प्रधान क्रिया होती है। पेट के उस दर्द को हटाती है, जो आमाशय के कैंसर के कारण प्रकट होता है। मेरूमज्जा क्षय होने से प्रत्यंगादि की चालक पेशियाँ क्रमश निष्क्रिय हो जाती है, जिससे चलने की शक्ति नष्ट हो जाती है, यह लोकोमोटर एटैक्सी नामक रोग का लक्षण है। ओठ के किनारे फटना और फटकर घाव हो जाना, ये इस औषधि के चुनाव का अन्तिम लक्षण है।
पेट – पाक स्थली की श्लैष्मिक झिल्ली का पुराना प्रदाह, पाक स्थली के भीतर घाव और जलन के साथ दर्द। ऐसा मालूम होता है जैसे पेट में आग जल रही हो। अन्ननली का सिकुड़ जाने के साथ वक्षोस्थि के पीछे जलन के साथ दर्द, जहाँ ऐसा लगता है जैसे खाया पिया वहीं रखा हो। भोजन का वमन तथा बाईं कोख में सख्ती और जलन के साथ निरन्तर दर्द रहता है।
सम्बन्ध – आस्टेरियस, कोनियम, हाइड्रे, आर्से से तुलना करें।
मात्रा – Q या 2x, छाल का चूरा 5 ग्रेन भोजन के पहले पानी के साथ। अर्बुद में तीस शक्ति |