(1) अनिद्रा – अनिद्रा-रोग के संबंध में तीन औषधियों को ध्यान में रखना चाहिये – वे हैं, सिप्रिपीडियम, स्कुटेलेरिया तथा कॉफिया। इन तीनों के लक्षण निम्न हैं।
(i) सिप्रिपीडियम – हर्ष-दायक समाचार से जब मस्तिष्क में विचारों की भीड़ उमड़ने के कारण नींद नहीं आती, या जब छोटे बच्चे रात को उठकर एकदम खेलने लगते हैं, हँसते हैं, तब यह औषधि लाभप्रद होती है। अगर यह हालत लगातार प्रति रात को होने लगे तो समझ लेना चाहिये कि इसका परिणाम ऐंठन-अकड़न आदि हो सकता है। ठीक समय पर इस दवा को देने से भविष्य में आनेवाले रोग को रोका जा सकता है।
(ii) स्कुटेलेरिया – एक स्कूल की मुख्याध्यापिका को अनिद्रा-रोग हो गया। सिर में दर्द रहता था, मस्तिष्क अत्यन्त थका हुआ था, शक्ति से बाहर काम करने के कारण स्नायु-मंडल अत्यन्त शिथिल हो गया था। पिकरिक ऐसिड तथा ऐसिड फॉस ने कुछ काम नहीं दिया। डॉ० हेल का कहना है कि उसे आधे-आधे घंटे बाद स्कुटेलेरिया के दस-दस बून्द दिये गये, तो उसका सिर दर्द तथा अनिद्रा रोग ठीक हो गया।
(iii) कॉफिया – इसके रोगी का स्नायु-मंडल उत्तेजना का शिकार हो जाता है। बहुत अधिक खुशी से या एकदम आश्चर्यमयी घटना से नींद न आये, तो यह लाभप्रद है।
(2) शक्ति – सिप्रिपीडियम की टिंचर से लेकर 6 शक्ति तक दी जा सकती है, कॉफिया की 200 शक्ति अच्छी रहती है।