Aspidosperma एक होम्योपैथिक Plant Kingdom की दवाई है। इसका पेड़ साउथ अमेरिका, वेस्ट इंडीज और मेक्सिको में पाया जाता है। Aspidosperma दवाई हमारे फेफड़ो के लिए बहुत ही लाभदायक है।
Aspidosperma के हमारे शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव
Aspidosperma हमारे फेफड़ों और मस्तिष्क में अपना असर करती है। फेफड़ों में जो विषैले तत्व जमा होते हैं ये दवा उसे निकालने में मदद करती है, अगर आप सिगरेट पीते हैं तो उसकी वजह से फेफड़ो में तार जमा हो जाता है ये दवाई उसे साफ करने में मदद करती है। Aspidosperma हमारे मस्तिष्क पर भी प्रभाव डालती है। दिमाग में कई सारे केंद्र होते है जहाँ से हमारा शरीर चालित होता है, वही पर एक केंद्र है जहाँ से हमारा श्वसन तंत्र नियंत्रित होता है, यह दवाई मस्तिष्क के उस हिस्से को ठीक करती है, अगर कोई खराबी होती है तो इस दवा से श्वसन तंत्र अच्छे से काम करने लगती है। अगर फेफड़ो में कोई समस्या हो जिसकी वजह से ऑक्सीजन ठीक से नहीं ले पाते तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी से खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम और कार्बन-डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक हो जाती है जोकि शरीर के लिए अच्छा नहीं होता, ये दवाई इस समस्या को भी ठीक करती है, साथ ही कार्बन-डाइऑक्साइड को भी यह शरीर से निकालता है अगर उसकी मात्रा अधिक हो जाती है तो।
वह कौन से लक्षण है जब आपको Aspidosperma दवाई लेनी है ?
- साँस लेने में दिक्कत आना, और साँस फूलने लगना
- चलने या दौड़ने पर साँस लेने में तकलीफ होना क्योंकि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम है।
- अस्थमा की समस्या में भी यह दवाई ली जानी चाहिए।
- शरीर में कार्बन-डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाना जिससे खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
- धमनियों में खून जम जाने पर भी यह दवाई लाभदायक है।
- उम्र बढ़ने पर दिल कमजोर होने के कारण भी कभी-कभी अस्थमा की समस्या हो जाती है और इससे साँस लेने में तकलीफ होती है। इसके लिए भी Aspidosperma बहुत असरदार दवाई है।
किन-किन बीमारियों में किस-किस मात्रा में Aspidosperma दवाई का सेवन करना चाहिए ?
Aspidosperma Q में लेना है अर्थात इसका सेवन मदर टिंचर में करना है। अगर आपको साँस लेने में तकलीफ हो रही हो, थोड़ा सा ही चलने पर साँस फूलने लगे और तेज-तेज साँस लेना पड़े, शरीर में ऑक्सीजन की कमी है और कॉर्बन-डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक है तो यह दवाई बहुत ही लाभदायक है। इसके लिए आपको Aspidosperma आधे कप गुनगुने पानी में 20 बूँद डालना है और इसे पीना है, इस विधि से आपको दिन में तीन बार करना है साँस की सभी प्रकार की समस्या के लिए।
अगर आपको अस्थमा की समस्या है और उसकी वजह से साँस लेने में तकलीफ होती है तो Aspidosperma की 20 बूँद आधे कप सामान्य पानी में लेकर दिन में तीन बार पीना है।
यदि आपको CUPD (Chronic Unspecific Pulmonary Diseases) की समस्या है और आपके शरीर में ऑक्सीजन की कमी के साथ कार्बन-डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है तो यह दवाई बहुत ही लाभदायक है। इस स्थिति में Aspidosperma Q की 20 बूँद आधे कप पानी में लेकर पीना है और इस क्रिया को दिन में तीन बार करना है, यह दवाई इस समस्या के लिए आपको छः महीने से लेकर एक साल तक पीना है।
यदि आपकी धमनियों में कोई समस्या है जैसे वहाँ खून का थक्का जम जाता है तो Aspidosperma Q की 20 बूँद आधे कप पानी में डालकर दिन में तीन बार पीना है। इस स्थिति में इस दवाई का सेवन लगभग तीन महीने तक करे।
यदि आपके शरीर में यूरिया की मात्रा बढ़ गई है जिससे आपको साँस लेने में तकलीफ हो रही है तो Aspidosperma 30 ch की 2 बूँद दिन में तीन बार पिए।
अगर आपका दिल कमजोर है और उसकी वजह से ऑक्सीजन की कमी है और इस वजह से साँस तेजी से लेनी पड़ रही है तो Aspidosperma दवाई का सेवन तीन से छः महीने तक करे।
यह दवाई फेफड़ो के लिए बहुत ही फायदेमंद है, फेफड़ो से सम्बन्धित समस्याओं को ठीक करने के लिए इस दवाई का सेवन करना चाहिए।