घुटने के दर्द का कारण – वृद्धावस्था, शारीरिक कमजोरी, रक्तहीनता आदि के कारण घुटने में दर्द होता है।
लक्षण – कभी किसी के एक घुटने में या किसी के दोनों घुटनों में दर्द होता है। रात्रि में दर्द बढ़ जाता है। वर्षा व शीतकाल में दर्द बढ़ जाता है। चलने व उठने बैठने में कष्ट होता है। घुटना कड़ा हो जाता है, सूजन आ जाती है।
घुटने के दर्द का घरेलू उपचार निम्न है –
( Knee Pain Ghutno ka Dard Ka Ilaj )
– घुटने आदि अंगों पर जहां सूजन हो और पथराया-सा लगे उस जगह सोंठ, भुने गर्म तेल की मालिश करके अंग पर कपड़ा बांधे तथा शीत व हवा से बचाएं। खटाई व शीतल पदार्थ नही खावें।
– अदरक का रस, सोंठ चूर्ण, काली मिर्च, बायबिडंग तथा सेंधा नमक का चूर्ण बनाकर रख लें। इस चूर्ण की 3-3 ग्राम मात्रा शहद में मिलाकर चाटें। घुटने के दर्द में आराम मिलेगा।
– शुद्ध गुग्गुल 10 ग्राम तथा इससे दुगना गुड़ लेकर दोनों को खूब बारीक पीसकर छोटे छोटे बेर के समान गोलियां बनाकर रख लें। नित्य प्रात:-सायं एक-एक गोली थोड़े-से देशी घी के साथ लेते रहने से जोड़ों का, घुटने का दर्द दूर होता है, गठिया और सायटिका में भी लाभ मिलता है।
– नीम की छाल को पीसकर, पेस्ट बनाकर कमर व घुटने में लेप करने से कमर व घुटने का दर्द ठीक होता है।
– लौकी के टुकड़े को गर्म कर दर्द वाले स्थान पर लेप करें, जल्द ही आराम मिलेगा।
– स्ट्राबैरी (फल) घुटनों के दर्द व गठिया के लिये बहुत लाभदायक है।
– सुबह भूखे पेट 3-4 अखरोट की गिरियां खाने अथवा सोंठ के काढ़े में अरण्ड का तेल 1-2 चम्मच मिलाकर पीने से घुटनों, कमर व पीठ के दर्द में राहत मिलती है।
– मेथी का एक चम्मच चूर्ण जल के साथ सुबह सेवन से घुटनों के दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
– कभी-कभी नारियल की गिरी खाने से घुटनों के दर्द की शिकायत नहीं रहती।
– घुटनों का दर्द दूर करने के लिये भोजन में खीरा अधिक खायें और लहसुन खायें।
– घुटने की श्लेष-शोथ, सूजन, जोड़ में किसी प्रकार की बीमारी हो तो कच्चे आलू को पीसकर लगाने में बहुत लाभ मिलता है।
घुटने के दर्द का बायोकेमिक/होमियोपैथिक इलाज
ब्रायोनिया – घुटना कड़ा, लाल रंग का चमकदार व गरम, हिलने-डुलने पर दर्द में वृद्धि, पसीना अत्यधिक आना।
गुयेकम – नये वात में घुटने फूलें, प्रदाह युक्त यंत्रणा।
कैलि हाइड्रो – घुटना फूलना व दर्द, रात को बिछावन पर दर्द में वृद्धि।
पैट्रोलियम – पुराने वात में घुटनों में (गाँठ) कोंचने जैसा दर्द, घुटने कड़े।
लिथियम कार्ब – घुटनों में वात का दर्द, सारा शरीर जैसे पक्षाघात की तरह कड़ा, घुटनों में सूजन व दर्द।
नेट्रम सल्फ 3x – वर्षा ऋतु में घुटनों में दर्द में अत्यन्त लाभकारी हैं।
फेरम फॉस 12x – घुटने में दर्द, साथ में गठिया, जोड़ों में दर्द, हिलने डुलने से दर्द का बढ़ना, रोग की प्राथमिक अवस्था जिसमें बुखार आता हो।
काली म्यूर 3x – गठिया वात की दूसरी अवस्था जिसमें बुखार आता हो, जीभ मैली भूरे रंग की, हिलने-डुलने से दर्द मालूम दे या बढ़ जाये।
काली फॉस 3x – नया व पुराना दर्द, सुबह, आराम के बाद, बैठ कर उठने के बाद दर्द का बढ़ना। सामान्य परिश्रम से दर्द का घटना, ज्यादा परिश्रम से दर्द का बढ़ना।
रस टाक्स 30, 200 : चलते समय घुटनों में खिंचाव महसूस होता है। नींद से उठने पर घुटने अकड़ जाते हैं, उनमें दर्द होता है। हरकत से राहत मिलती हैं।
ब्रायोनिया-30-200 : घुटने सूज कर लाल हो जाते हैं। चलते समय लड़खड़ाहट होती है। घुटनों से पिंडलियों तक दर्द होता है। चलते समय दर्द होता है। ऐसे
बेनजोइक एसिड 3, 6 : घुटने सूजकर दर्द करते हैं। चलते समय दायें घुटने की हड्डी आवाज करती हैं। ऐसे में यह औषधि उत्तम है।
कास्टीकम 30, 200 : छोटे जोड़ों में वात-व्याधि के कारण तीव्र पीड़ा होती है। चलते समय हड्डियां बोलती हैं।
बरबेरिस बलगेरिस मूल अर्क : घुटनों में जबरदस्त थकान महसूस होती है। दर्द होता है। एक बार बैठकर चला जाता है, तो घुटने जवाब दे जाते हैं। उनमें कड़ापन आ जाता है। ऐसे में रोगी को यह औषधि देनी चाहिए।
ऐगनस कैक्टस 3, 6 : घुटनों के जोड़ों में गठिया का दर्द रहता है। जोड़ों में सूजन रहती है, ऐसे रोगी के लिए यह दवा उत्तम है।