हमारे हाथ की हथेलियों में एक टनल होता है जिसे कार्पल टनल कहा जाता है। यह टनल कार्पल बोन के बीच में होती है इसलिए इस टनल को कार्पल टनल कहा जाता है। इसी टनल से एक नस निकलती है जिसका नाम है Median Nerve. यह नस जब दब जाती है तो हथेलियों में झुनझुनाहट महसूस होती है। हाथों की हथेलियों में सुन्नपन महसूस होता और दर्द भी होता है। इसी स्थिति को कार्पल टनल सिंड्रोम कहा जाता है।
कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण
- अगर किसी काम में आपको अपनी हथेलियों का ज्यादा प्रयोग करना पड़ता है, जैसे यदि आप लोहार हैं और लोहा पीटते हैं या आप ड्राइवर है तो आपको कलाइयों का प्रयोग ज्यादा करना पड़ता है जिससे आपको कार्पल टनल सिंड्रोम होने की संभावना ज्यादा रहती है।
- Hyperthyroidism के मरीजों को भी कार्पल टनल सिंड्रोम होने की संभावना रहती है।
- अगर आप ज्यादा मोटे है तो भी आपको यह समस्या होने की संभावना ज्यादा रहती है।
- अगर आपको मधुमेय की समस्या है तो भी आपको कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकता है।
- यदि आपके हाथों में ट्यूमर है तो कार्पल टनल सिंड्रोम होने की संभावना बनी रहती है।
कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण
यदि आपको कार्पल टनल सिंड्रोम है तो आपकी हथेलियां सुन्न हो जाएँगी और उनमे झनझनाहट होगी। आपको हथेलियों में दर्द भी हो सकता है। ये लक्षण आपकी हथेलियों में ही नहीं उँगलियों और नाखून में भी हो सकता है। यह झुनझुनाहट, दर्द और सुन्नपन आपको न केवल हथेलियों में होगा बल्कि कलाइयों में या पुरे हाथ में भी बना रह सकता है। अगर आप उस हाथ में कुछ पकड़ते है तो आपको उसमे समस्या होगी और आपको उसमे सुन्नपन होने के कारण कुछ महसूस नहीं होगा। यदि आपको ये कार्पल टनल सिंड्रोम अधिक समय तक रहता है तो हथेलियों की वह मांसपेशियां दिखनी बंद हो जाएगी।
कार्पल टनल सिंड्रोम के लिए होम्योपैथी दवाइयां
Causticum 200 CH :- हथेलियों में जो झुनझुनाहट, सुन्नपन या दर्द होता है तो यह दवाई उस समस्या के लिए बहुत लाभदायक है। अगर आपका हाथ कमजोर हो गया है, और आप उस हाथ से कोई सामान पकड़ नहीं पाते है तो यह दवाई उस समस्या को ठीक करने में मददगार है। इस दवाई को आपको दिन में एक समय लेना है। Causticum 200 CH की दो बून्द सुबह-सुबह लें, हथेलियों की इस समस्या से निपटने के लिए।
Arnica Montana 30 CH + Ruta 30 CH + Bellis Per 30 CH :- इन तीनों दवाइयों को आपको बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पीना है। शरीर के किसी भी हिस्से की नस अगर दब जाती है तो Arnica बहुत ही असरदार दवाई है। यह दवाई सुन्नपन के लिए भी बहुत ही असरदार है। यदि आप ऐसा काम करते है जिसमे ज्यादा से ज्यादा कलाइयों का प्रयोग हो तो Ruta बहुत ही असरदार दवाई है, यदि आपकी कलाइयों में चोट लग गई है तो उसे ठीक करने के लिए Ruta बहुत फायदेमंद है। Bellis Per चोट के लिए बहुत ही लाभदायक दवाई है और कहीं किसी कारण भी नस दब जाती है तो यह उसमे भी काम आती है। इन तीनो की 10-10 ML अच्छे से मिला कर रख लेनी है, इस मिश्रण की दो-दो बून्द दिन में तीन बार पीनी है।
Hypericum 200 CH :- नसों के इलाज के लिए यह रामबाण दवाई है। कार्पल टनल सिंड्रोम के सभी लक्षणों से यह दवाई राहत दिलाती है। इसकी दो बून्द रोज रात में पीनी है।
Kali Phos 6X :- यह दवाई नसों के इलाज के लिए बहुत ही असरदार है, यह दवाई झुनझुनाहट और सुन्नपन के लिए बहुत ही असरदार है। इस दवाई की छः-छः गोली दिन में तीन बार चुसनी है बाकी तीनों दवाइयों के साथ।
Video On Carpal Tunnel Syndrome
नोट :- इन चारों दवाइयों को आपको एक से दो महीने तक लगातार लेना है, इनके सेवन से आपका कार्पल टनल सिंड्रोम अच्छी तरह ठीक हो जायेगा और हाथों की कमजोरी भी दूर हो जाएगी। इनके साथ अगर आप कुछ हथेलियों का व्यायाम भी करते है तो कार्पल टनल सिंड्रोम और भी जल्दी ठीक हो जायेगा।
कार्पल टनल सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जो कार्पल टनल से गुजरते समय माध्यिका तंत्रिका के संपीड़न की विशेषता है – कलाई में एक संकीर्ण मार्ग। कार्पल टनल में हड्डियां और स्नायुबंधन होते हैं, और इसमें मध्यिका तंत्रिका होती है, जो अंगूठे और उंगलियों (छोटी उंगली को छोड़कर) को संवेदना प्रदान करती है और हाथ की कुछ मांसपेशियों को नियंत्रित करती है।
कार्पल टनल सिंड्रोम का कारण
कार्पल टनल सिंड्रोम का प्राथमिक कारण कार्पल टनल के भीतर मध्यिका तंत्रिका का संपीड़न या जलन है। इस संपीड़न में कई कारक योगदान दे सकते हैं:-
कलाई की शारीरिक रचना: कलाई की प्राकृतिक शारीरिक रचना, जैसे कार्पल टनल का आकार, व्यक्तियों को सीटीएस के लिए प्रेरित कर सकती है।
चिकित्सीय स्थितियाँ: रुमेटीइड गठिया, मधुमेह और थायरॉयड ग्रंथि असंतुलन जैसी स्थितियां सीटीएस विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
बार-बार हाथ का उपयोग: बार-बार हाथ और कलाई की गतिविधियों में संलग्न होना, विशेष रूप से खराब एर्गोनॉमिक्स के साथ, सीटीएस के विकास में योगदान कर सकता है।
आघात या चोट: कलाई की चोट, फ्रैक्चर, या आघात से मध्य तंत्रिका की सूजन और संपीड़न हो सकता है।
द्रव प्रतिधारण: गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, या कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ जो द्रव प्रतिधारण का कारण बनती हैं, कार्पल टनल के भीतर दबाव बढ़ा सकती हैं।
कार्पल टनल सिंड्रोम का लक्षण
कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण अक्सर धीरे-धीरे शुरू होते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं:
सुन्नता या झुनझुनी: छोटी उंगली को छोड़कर अंगूठे, तर्जनी, मध्यमा और अनामिका में सुन्नता या झुनझुनी।
कमजोरी: हाथ में कमजोरी, जिससे वस्तुओं को पकड़ना या पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
बेचैनी या दर्द: कलाई और हाथ में दर्द या बेचैनी, जो बांह तक फैल सकती है।
रात के समय लक्षण: लक्षण अक्सर रात में खराब हो जाते हैं, जिससे नींद में खलल पड़ता है।
हाथ का अकड़ना: कमजोरी या सुन्नता के कारण वस्तुओं को गिराने की प्रवृत्ति।
कार्पल टनल सिंड्रोम का इलाज
कार्पल टनल सिंड्रोम के उपचार के विकल्पों में शामिल हैं:
कलाई की स्प्लिंटिंग: कलाई को तटस्थ स्थिति में रखने के लिए स्प्लिंट पहनना।
दवाएं: सूजन और दर्द को कम करने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी)।
फिजिकल थेरेपी: कलाई को मजबूत और फैलाने के लिए व्यायाम।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन: सूजन को कम करने के लिए इंजेक्शन।
सर्जरी: गंभीर मामलों में, मध्यिका तंत्रिका पर दबाव से राहत के लिए सर्जरी की सिफारिश की जा सकती है।
शीघ्र निदान और उचित प्रबंधन अक्सर लक्षणों को कम कर सकता है और कार्पल टनल सिंड्रोम की प्रगति को रोक सकता है।