बैराइटा-कार्ब 30 – यह औषध बच्चों तथा वृद्धों की शारीरिक एवं मानसिक कमजोरी में लाभ करती है। शारीरिक तथा मानसिक-दृष्टि से बालक का पिछड़ापन, हर समय थकान का अनुभव, मानसिक-शक्ति का ह्रास, हस्त-मैथुन की आदत, पेट का फूलना, टॉन्सिलों की शिकायत, अपरिचित लोगों से शर्माना तथा आँख न मिला पाना, स्मृति-शक्ति का ह्रास तथा अपने पर भरोसा न रहना – इन लक्षणों में हितकर है। इसी प्रकार वृद्धावस्था के स्मृति-नाश, भुलक्कड़पन, तथा मानसिक-शक्ति के ह्रास में भी लाभकर है ।
लैक-कैनिनम 30, 200 – मानसिक-दृष्टि से भुलक्कड़पन तथा अनमनेपन के लक्षणों में लाभकर है । पत्र लिखते समय अनेक शब्दों को छोड़ जाना, बाजार में खरीदे हुए सामान को वहीं भूल जाना आदि बातें जब नित्य नियम जैसा बन जाय-तब इस औषध का प्रयोग बहुत हितकर सिद्ध होता है।
मेडोराइनम 30, 200 और एसिड-फॉस 1x – पहले मानसिक-कमजोरी फिर शारीरिक कमजोरी आना, बीमारी, अति स्त्री-प्रसंग, वीर्यक्षय, मानसिक-परेशानी आदि कारणों से स्मृति-शक्ति का निर्बल हो जाना तथा किसी भी विषय पर ध्यान केन्द्रित न कर पाना, सोचने की शक्ति में कमी, जीवन में निराशा का अनुभव तथा इन सबके साथ ही शारीरिक कमजोरी-इन लक्षणों में यह औषध लाभ करती है ।
ग्लोनायन 6, 30 – अपने वर्षों पुराने निवास स्थान, गली-मुहल्ले आदि को भी भूल जाना, अपने मकान का नंबर तक याद न रहना आदि लक्षणों में हितकर है। प्राय: सिर में रक्त का संचय अधिक हो जाने पर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है ।
ऐनाकार्डियम 6, 200 – स्मरण-शक्ति का ह्रास, अन्यमनस्कता, मानसिक कार्य करने के बाद होने वाली थकान के कारण भुलक्कड़पन, परीक्षा के दिनों में अधिक पढ़ने के कारण दिमाग का ठस हो जाना – आदि लक्षणों में हितकर है ।
कैनाबिस इण्डिका Q, 2x – बोलते-बोलते यह भूल जाना कि क्या कहने जा रहा था-ऐसे भुलक्कड़पन में लाभकारी है।
थूजा 30, 200 – नींद से उठते समय भुलक्कड़पन की स्थिति और धीरे-धीरे समय बीतने के साथ ही स्मृति का लौट आना – इन लक्षणों में हितकर है ।
कैलि-बाईक्रोम 3x, 30 – इसके लक्षण व लाभ भी थूजा की भाँति हैं।
ऐनाकार्डियम 6, 30, 200 – स्मृति-शक्ति में कमी, दिमागी-थकान किसी काम में ध्यान न लगा पाना, वृद्धावस्था में इन्द्रियों की शक्ति का ह्रास तथा आत्मविश्वास का अभाव, पेट में खालीपन का अनुभव तथा खा लेने पर कुछ देर के लिए सारी बेचैनी का समाप्त हो जाना – इन लक्षणों में लाभकर है। इसकी 30 शक्ति की एक मात्रा को प्रति दूसरे-तीसरे दिन देना उचित रहता है।
बैराइटा-कार्ब 3, 30 – बच्चों तथा वृद्धों की मानसिक-कमजोरी एवं स्मृति-शक्ति का लोप हो जाना, किसी बात पर ध्यान न जमना तथा मन का उचटा-उचटा रहना – इन लक्षणों में हितकर है।
जिंकम मेट 2, 6 – मन का थका-थका रहना, किसी काम में मन न लगना, काम करने तथा बात करने की इच्छा न होना तथा पाँवों को हर समय चलाते रहना – इन लक्षणों के साथ वाली स्मृति-शक्ति की क्षीणता में यह औषध लाभ करती है।
लैकेसिस 30, 200 – स्मृति-शक्ति का अत्यधिक ह्रास, सुनी हुई बात को तुरन्त भूल जाना, लिखने तथा बोलने में गलतियाँ करना, समय का ज्ञान न रहना, स्थानों तथा वस्तुओं को भूल जाना-इन सब लक्षणों में हितकर है।
ग्लोनायन 6, 30 – अपने रहने के स्थान तथा सुपरिचित व्यक्तियों को भी भूल जाना तथा स्मृति-शक्ति का अत्यधिक लोप – इन लक्षणों में इस औषध को 6 शक्ति की मात्रा में सप्ताह में एक बार देना चाहिए ।
इथूजा 6 – पढ़ने-लिखने के समय में स्मृति-शक्ति का क्षीण हो जाना तथा पढ़ी हुई बातों का याद न रहना – इन लक्षणों में यह औषध अच्छा लाभ करती है।
काक्युलस 3, 30 – तुरन्त कही हुई बात को भी भूल जाने के लक्षण में इसका प्रयोग हितकर रहता है ।
रोडोडेण्ड्रन 6 – बोलते-बोलते अपने ही विचार को एकदम भूल जाना – इन लक्षणों में इस औषध का प्रयोग लाभकारी है ।
सल्फर 30 – बोलते समय वह शब्द या नाम याद न आना, जिसे बोलना आवश्यक हो तथा सुपरिचित लोगों के नाम को भी भूल जाना-स्मृति-शक्ति के ह्रास के इन लक्षणों में इस औषध का प्रयोग उत्तम है । प्रयोग करते समय औषध के लक्षणानुसार रोगी की प्रकृति का सामंजस्य बैठाने पर भी ध्यान देना चाहिए।
ऐम्ब्राग्रीशिया 2, 3 – स्मृति-शक्ति का इतना क्षीण हो जाना कि किसी वाक्य को समझने के लिए उसे बार-बार पढ़ना आवश्यक हो जाय, अपनी सामर्थ्य से अधिक काम करने वालों तथा वृद्ध लोगों की स्मृति-शक्ति की क्षीणता में यह औषध विशेष लाभ करती है ।