जुकाम का कारण – जुकाम आमतौर पर कब्ज होने पर, सर्दी लग जाने से होता है। कब्ज की हालत में नंगे पैर ठण्डे पानी में चलने फिरने से, गरम जगह से उठकर एकदम ठण्डी जगह जाने से, आग के पास काम करते-करते ठण्डा पानी पीने से, बारिश में भीगने से, ऋतु-परिवर्तन होने पर, चाय पीकर ठण्डा शरबत पीने से, सोकर उठते ही नहा लेने से, व्यायाम के तुरन्त बाद स्नान करने आदि कारणों से जुकाम हो जाता है। यह एक आम संक्रामक रोग है। इसमें रोगी की नाक की श्लेष्मिक कला में शोथ हो जाता है।
जुकाम का लक्षण – नया जुकाम होने पर नाक से पानी गिरता है। छींकें आती हैं, सिर और शरीर भारी-भारी या गिरा-पड़ा रहता है। नाक में जलन-सी रहती है, आँखें लाल हो जाती हैं, गला भारी हो जाता है। एक दो दिन तो नाक से पतला पानी बहता है फिर बलगम गाढ़ा होने लगता है। कई बार नाक बन्द हो जाती हैं। प्राय: तीन चार दिन में जुकाम ठीक हो जाता है।
जुकाम का घरेलू उपचार निम्न हैं –
– जुकाम के साथ बुखार भी हो तो गर्म पानी, शहद और अदरक रस में चुटकी भर मीठा सोडा डालकर पिला दें तथा पसीना आने दें। पसीने के दौरान शरीर को हवा न लगने दें।
– सोंठ को कूटकर पानी में डालिए। जरा-सा गुड़ डालकर पकाइए। जब पानी चौथा हिस्सा रह जाए जो उतारकर पी लीजिए।
– पुराना या बिगड़ा हुआ जुकाम हो तो काली मिर्च 3 ग्राम, गुड़ 25 ग्राम और गाय का दही 50 ग्राम ले लें। काली मिर्च को खूब बारीक पीसकर तीनों चीजों को अच्छी तरह मिला लें। प्रात:काल एक-एक ग्राम लेकर सेवन करें।
– जिनको नजले की शिकायत है वे बारहों महीने हल्के गर्म पानी से धूप में बैठकर ही स्नान करें। फ्रूट का सेवन करें, नजले में लाभप्रद है।
– साधारण जुकाम हो तो दो रत्ती फिटकरी भस्म फाँक कर तुलसी की चाय पियें और ओढ़ कर सो जायें। जुकाम में बुखार हो तो प्याज के रस में शहद मिलाकर एक घण्टे बाद चाट लें।
– राई पीसकर सूंघें व शहद में मिलाकर चाटें।
– लौंग 7 नग लीजिए, इन्हें 120 ग्राम जल में उबालिए। जब जल 30 ग्राम शेष रह जाए जो उतारकर छान लीजिए। इससे जब भाप उठ रही हो तो उसका भपारा (बफारा) नाक को दीजिए। जब यह काढ़ा शीतल हो जाय तो पी लीजिए।
– दालचीनी व जायफल को बराबर मात्रा में पीसकर सुबह-शाम लेने से जुकाम ठीक हो जाता है।
– सर्दी, जुकाम होने पर तुलसी के पत्ते व कालीमिर्च को गुड़ के साथ उबाल कर पियें।
– 10 तुलसी के पत्ते, 4 काली मिर्च और दो बताशे के साथ प्रतिदिन सेवन करने से जुकाम में बड़ा ही लाभ होता है।
– कफ अधिक हो तो 100 ग्राम सरसों पीसकर उसमें 100 ग्राम हल्दी (मंद आँच पर भूनकर) मिलाकर इस चूर्ण को 5-5 ग्राम सुबह-शाम, शहद के साथ लेने से लाभ होता है।
– यदि अमरूद के फल को गर्म राख या बालू में भूनकर खाया जाय तो पुराने से पुराना जुकाम भी शीघ्र नष्ट हो जाता है।
– 30 ग्राम सौंफ एवं 6 लौंग लेकर एक किलो पानी में उबाल लें। उबालने पर जब एक चौथाई शेष रहे तो चीनी मिलाकर घूंट-घूंट करके पियें, लाभ होगा।
– थोड़ी सी अजवाइन को गर्म करके पतले कपड़े में बाँध लें, हथेली पर रगड़कर बार-बार सूंघना जुकाम में आराम देता है एवं सिर व भारीपन तुरन्त मिट जाता है। एक गिलास पानी में थोड़ा सा अजवाइन (लगभग एक चम्मच) एवं इससे चार गुना गुड़ डालकर उबालें। उबालने पर जब आधा पानी शेष रहे तो छानकर गर्म-गर्म ही पिएं एवं कुछ ओढ़कर सो जाएं।
– सर्दी-जुकाम, कफ-खांसी, पेट के कृमियों के लिये मूली के बीजों का चूर्ण फायदेमंद रहता है।
– अदरक और तुलसी के पत्रों को बारीक पीस लें। फिर एक कटोरी को आग पर रखें। उसमें थोड़ा-सा घी डालकर अदरक और तुलसी की लुगदी को डाल दें। अच्छी तरह भुन जाने पर थोड़ा ठण्डा करके गुड़ मिला कर खा लें। उसके बाद ठण्डा पानी न पीवें। जुकाम ठीक हो जायेगा।
– अदरक 4 रत्ती, लौंग 2 दाने, कालीमिर्च 5 दाने, सेंधा नमक 2 रत्ती, तुलसी पत्र 5, सबको 5 तोला जल में पकायें। जब दो-तीन तोला रह जाये तो मिश्री मिलाकर पीएं। जुकाम दो-तीन दिन में ठीक हो जायेगा।
– अदरक, दालचीनी, काली मिर्च तथा अमरूद के 5-7 हरे पत्तों की चाय बनाकर पीने से भी सर्दी-जुकाम ठीक हो जाता है।
– सोंठ और पताशे का काढ़ा पीने या सोंठ, गुड़ खाने से जुकाम अच्छा हो जाता है।
– 1 ग्राम सोंठ का चूर्ण शहद के साथ खाने से भी जुकाम ठीक हो जाता है।
– यदि नया जुकाम है तो दूध में हल्दी का चूर्ण मिलाकर उसे गर्म करें फिर नीचे उतारकर गुनगुना रहने पर उसमें थोड़ा गुड़ मिलाकर सुबह-शाम व रात्रि को पियें। इसके अतिरिक्त यदि पतला जल जैसा स्राव होता है तो नाक पर हल्दी का धुआँ लगने दें, इससे कफ की उत्पति बन्द हो जायेगी।
– अदरक के रस में चार-पाँच काली मिर्च के दानों के साथ प्रयोग करने से सर्दी-जुकाम नष्ट होता है।
– पीपल के काढ़े में शहद मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पिलाने से जुकाम में बहुत जल्द लाभ होता है। क्योंकि इस योग से छाती में जमा हुआ कफ निकल जाता है।
– आँवला में श्लेष्मा कम करने का उत्तम गुण है। 2 ग्राम आँवले का चूर्ण मिश्री या शहद के साथ लेने से मुख और नाक से पतला स्त्राव निकल कर जुकाम ठीक हो जाता है।
– आँवला और मुलेठी का चूर्ण 2-2 ग्राम एक में मिलाकर दिन में दो बार लेने से कफ छट जाता है और जुकाम ठीक हो जाता है।
– काली मिर्च चार दानें, तुलसी पत्र छ:, सोंठ आधा ग्राम, इन सभी द्रव्यों को चाय में उबालकर लेने से सर्दी जुकाम दूर होता है। खाँसी बन्द होती है। नासिका का श्लेष्म बन्द हो जाता हैं।
– गर्म पानी में नीबू के रस को डालकर प्रयोग करने से जुकाम दूर होता है। नीबू के रस को नाक में डालने या सूंघने से नजला दूर होता है।
– अगर जुकाम पुराना हो गया हो तो सोंठ को पीसकर बूरा मिलाकर दूध के साथ लें।
– 25 ग्राम नीम की पत्ती 2-5 ग्रा. तक शुद्ध नीला थोथा दोनों को पीसकर तिल्ली के तेल में औटा लें। फिर इस तेल को छानकर शीशी में भर लें। इसके बाद सलाई में रुई लपेटकर इसे तेल में डुबोकर कान में लगायें यदि रात में दोनों कानों के साफ करके यह तेल कान में 2-2 बूंद डाल दें तो काफी आराम मिलेगा। नींद भी आ जायेगी और 2-3 दिन में दर्द बिलकुल ठीक हो जायेगा।
– सरसों के तेल में नीम की निबोली डालकर औटा लें। फिर इस तेल को धीमी आंच में पका लें। इसे छानकर शीशी में डाल लें। इस तेल को कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जायेगा।
जुकाम का बायोकेमिक व होमियोपेथिक उपचार
– एलियम सीपा 30, आर्सेनिक 30 व जेलसीमियम 30 में दें।
– यूक्रेशिया 30 व नेट्रम सल्फ 6 भी लाभप्रद हैं।