शरीर के अन्य ऑर्गन्स की तरह हमारा कान भी एक बेहद जरुरी ऑर्गन है। कान की सहायता से ही हम लोगों की बातें सुन कर उसपर प्रतिक्रिया दे पाते हैं। कान तीन भागों में बटा होता है। पहला भाग वह होता है जहाँ हम कभी-कभी ऊँगली या कुछ घुसा कर कान की सफाई करते है। बीच के हिस्से में तीन bones होते है, और Internal भाग में नसें होती है। कभी कभी External और Middle भाग में इन्फेक्शन के कारण दर्द होता है। इस इफेक्शन के कारण कई बार कान के पर्दे फट जाते हैं और उससे मवाद निकलने लगता है। इस समस्या को मेडिकल की भाषा में Perforated Eardrum कहा जाता है।
कान के पर्दे फटने के प्रमुख कारण
- कान में इन्फेक्शन होने पर अक्सर कान के पर्दे फट जाते है, इसमें बार-बार कान में मवाद भरने से कान का पर्दा फट जाता है।
- अगर किसी ने कान पर बहुत तेज से मारा है या आप कान के बल गिर गए है और वहाँ चोट लगी है तो भी कान के पर्दे फट जाते है।
- बहुत तेज आवाज से भी कान के पर्दे में छेद हो जाता है, अचानक बहुत तेज आवाज कान में पड़े तो वो कान बर्दाश नहीं कर पता जिससे पर्दे फट जाते है।
कान के पर्दे फटने पर दिखने वाले लक्षण
- अगर आपके कान में छेद हो गया है तो कान से बार-बार मवाद निकलेगा और कान में इन्फेक्शन बना रहेगा।
- सुनने की क्षमता में कमी आ जाती है जब तक कान के पर्दे ठीक नहीं होते तब तक। कान से झनझनाहट की आवाज भी आ सकती है।
- अगर कान के पर्दे internal भाग के कारण फटा है तो उल्टी और चक्कर आने की समस्या भी हो सकती है।
कान का पर्दा फट जाने पर ली जाने वाली होम्योपैथी दवाईयाँ
Ledum Palustre 30CH :- यह दवाई फट चुके पर्दे तो ठीक करने के लिए बहुत ही लाभदायक है। कान के इन्फेक्शन को भी ठीक करने में यह दवाई असरदार है। इस दवाई की दो-दो बून्द दिन में तीन बार आपको पीनी है।
Pulsatilla Nigricans 6CH + Kali Muriaticum 6CH + Silicea 6CH :- यदि कान से पीले रंग का मवाद निकलता है और उसमे से गंध भी आती हो तो Pulsatilla इसके लिए बहुत ही असरदार दवाई है। अगर मवाद लगातार निकलता हो या कुछ दिन रुक-रुक निकले साथ में दर्द भी बना रहे तो Kali Mur बहुत ही असरदार दवाई है। Silicea मवाद को जल्दी सुखाने में मदद करती है और यह इन्फेक्शन को भी ठीक करने में असरदार है साथ ही यह दवाई कान के पर्दे को जल्दी ठीक करने में असरदार है। ये तीनों दवाईयाँ आपको 6CH में लेकर बराबर-बराबर मात्रा में मिला कर एक अलग सीसी में रखना है। इस मिश्रण की तीन बून्द दिन में तीन बार पीनी है।
Hepar Sulphur 200CH :- यह दवाई मवाद को सुखा कर कान के पर्दे को जल्दी ठीक करने के लिए फायदेमंद है साथ ही यह इन्फेक्शन को भी ठीक करती है ताकि दुबारा कान के पर्दे न फट जाये। इसकी दो बून्द सुबह एक बार पीनी है।
नोट :- तीनो दवाइयों को आपको कान के पर्दे फटने पर पीना है, तीनों दवाइयों के बीच कम से कम 15 मिनट का अंतर रखे। इसका इस्तेमाल 3 से 6 महीने तक करना है। इसका असर एक महीने में ही दिखने लगेगा। यह तीनों दवाईयाँ आपको होम्योपैथी दूकान पर आसानी से मिल जाएंगी।