अपर्याप्त भोजन, पानी और द्रवों का कम सेवन, रेशा और चोकर-रहित भोजन करना या ‘इसोप्टिन’ जैसी औषधियों के उपयोग से मलावरोध या कब्ज उत्पन्न हो जाता है।
एलोपैथी : डल्कोलैक्स, मिल्क ऑफ मैग्नीशियम, क्रेमाफिन और लक्टुलोज आदि औषधियां सामान्यतः कब्ज दूर करने के लिए दी जाती हैं।
एलोपैथी का प्रभाव : इन मृदुविरेचक (लैक्ज़ेटिव) और दस्तावर (परगेटिव) औषधियों को लेने के बाद कब्ज और अधिक दृढ़ता से उत्पन्न होता है। इन औषधियों को लेने की आदत पड़ जाती है।
होम्योपैथी : होम्योपैथी, जैसा कि नीचे दिया गया है, बहुत विशिष्ट है :
1. बच्चों का मलावरोध : अल्युमिना 30,नक्सवोमिका 200,ब्रायोनिया – 30
2. रेचक या दस्तावर औषधियां : हाइड्रास्टिस 30,नक्सवोम 200 के दुरुपयोग के बाद कब्ज
3. अधिक खाने वालों का कब्ज : नक्स वोम, सल्फर
4. बैठे रहने की आदत के कारण मलावरोध : अलेट्रिस, कॉलिन्सोनिया, नक्सवोभिका (लगातार कई घंटों तक बैठना)
5. गर्भावस्था के दौरान कब्ज : सीपिया 30, पोडो 30
6. वृद्धावस्था में कब्ज : प्लाटि., एल्युमिना, ओपियम, ऐवेना
7. यात्रियों का कब्ज : एल्यु., हाइड्रास्टिस, नक्स वोम
8. आंतों और मलाशय की दुर्बलता के कारण कब्ज, दर्द निवारक और अन्य आंतों की दुर्बलता : इस्क्युलस 30, एलोज 30, अल्फा Q + , एवेना Q + अलेट्रिस Q 10-15 बूंद सुबह-शाम एलोपैथिक औषधियों के सेवन से उत्पन्न भोजन के बाद ।
9. बवासीर के कारण कब्ज : जो एंटासिड इस्क्यूलस, कॉलिंसोनिया आदि औषधियों के सेवन से उत्पन्न हुआ है।
10. नर्वस, संवेगशील दुर्बल एवं अम्लीय मनोवृति के कारण उत्पन्न मलावरोध : अंब्रा 30 और अर्जेटम नाइट्रिक 30 पर्यायक्रम से दिन में 2-3 बार
11. वर्षों से चला आ रहा जीर्णकालिक कब्ज (जल्दी थक अवसाद मानों मल आंतों के निचले भाग में जा रहा है, भोजन के बाद। अांतों की दुर्बल क्रमाकुचन (पेरिस्टालसिस) क्रिया। : हाइड्रास्टिस 30, अलेट्रिस Q सुबह शाम
केस
हजारों केसेज़ में से मैं एक वरिष्ठ चिकित्सक का विवरण दे रहा हूं जो पिछले अनेक वर्षों से कब्ज से पीड़ित थे। उन्होंने सब कुछ इस्तेमाल कर लिया था, जैसेत्रिफला चूर्ण और अन्य हर्बल औषधियां आदि, परंतु कोई लाभ नहीं मिला। मैंने उनके हठी कब्ज को निम्नलिखित होम्योपैथिक औषधियों से दूर किया।
होम्योपैथी : लाइकोपोडियम 200 एक दिन अंतर देकर, हाइड्रास्टिस Q 5 बूंद सुबह-शाम भोजन के बाद। अन्य बहुत हठी केसेज़ में रोग के स्थाई निवारण के लिए मुझे सल्फर 200 सप्ताह में एक खुराक देना पड़ा।