[ पोटासियम क्लोरेट ] – जर्मनी के सुप्रसिद्ध डॉक्टर मार्टिन ने इस दवा की सबसे पहले परीक्षा की थी। इसके द्वारा हृत्पिण्ड की क्रिया घटती है, हृत्पिण्ड का पक्षाघात होता है और जल्दी-जल्दी शारीरिक ताप घट जाता है। साधारणतः मुँह के धाव में कुल्ला ( gargle ) करने के लिए ही इस दवा का अधिक उपयोग होता है। गर्भावस्था में रक्त विषाक्त ( toxoemia ) होकर जो बीमारी होती है उसकी भी-यह बढ़िया दवा है।
घाव – स्टॉमाटाइटिस नामक मुँह के प्रदाह और घाव में – इस दवा से कुल्ला करने से प्रदाह घटकर बीमारी बहुत जल्द आरोग्य की ओर अग्रसर होती है। इसके साथ ही इसकी 6 या निम्न शक्ति का भीतरी सेवन करने से और भी ज्यादा फायदा होता है।
पाकस्थली का घाव, आँत का घाव, मसूढ़े का घाव, पारा सेवन-जनित मुँह और जीभ का धाव, जीभ का साधारण घाव, घातक रक्तामाशय और उसकी वज़ह से आँतों में घाव, बच्चा और स्तन पिलानेवाली प्रसूता के मुँह का घाव, बहुत अधिक बलक्षय, कमजोरी, गला और मुँह के भीतर सड़न (गैंग्रीन), बच्चों के मुंह का सड़ने वाला घाव ( गैंग्रीन ), कैडकम ऑरिस इत्यादि कई घातक और प्राणनाशक बीमारियोंमें भी इससे बहुत कुछ फायदा होना सम्भव है । किसी भी तरह का घाव क्यों न हो, उससे जब जोर की सड़ी बदबू आने लगती है और पास नहीं बैठ सकते, तभी इसके उपयोग का उपयुक्त समय है ।
एल्बुमिनुरिया – पेशाबमें एल्बुमेन का अंश अधिक जाना, पेशाब बहुत कम होना या बिलकुल न होना । गर्भावस्था में यह ज़्यादा फायदा करती हैं।
आमाशय – मल का परिमाण बहुत थोड़ा और उसके साथ रक्त जाना, पेट में असह्य दर्द, कूथन और साथ ही कमजोरी।
[ इसके अलावा – हिमाचुरिया, फॉलिक्युलर-फैरिन्जाइटिस, फैटीडिजेनरेशन, प्रदाहयुक्त नख-शूल इत्यादि बीमारियों में भी इसका व्यवहार होता है। ]‘हाइड्रैस्टिस‘ नामक दवा भी नाना प्रकार के घाव की महौषधि है l
कुल्ला करने के लिए – एक औंस गुनगुने गरम पानी में 15-20 ग्रेन शुद्ध ‘क्लोरेट ऑफ पोटास’ मिलाकर उससे कुल्ला करने से फायदा होता है।
क्रम – 2x, 3 और 6 शक्ति।