खांसी अपने-आप में कोई रोग नहीं है। वस्तुत: यह अन्य रोगों का लक्षण मात्र है। यह सर्दी, न्यूमोनिया, काली खांसी, तपेदिक, दमा, ब्रोन्काइटिस, प्लूरिसी तथा यकृत व्याधि के कारण हो जाती है। खांसी आने पर रोगी बेहाल हो जाता है। खांसी के साथ कफ भी निकल सकता है।
खांसी का घरेलू उपचार ( khansi ka gharelu ilaj )
पुदीना – पुदीने की चाय में थोड़ा-सा नमक डालकर नित्य दो बार पीने से खांसी में लाभ होता है।
गेहूं – 20 ग्राम गेहूं और 9 ग्राम सेंधा नमक को एक गिलास पानी में औटा लें। तिहाई पानी रहने पर छानकर पिलाने से 7 दिनों में खांसी मिट जाती है।
देशी घी – देशी घी और गुड़ को आग पर पिघलाकर रोगी को खिलाएं। घी और सेंधा नमक मिलाकर छाती पर मालिश करें। खांसी ठीक हो जाएगी।
सरसों का तेल – यदि बालक को खांसी आती हो, तो सीने पर सरसों के तेल की मालिश करें।
सेंधा नमक – यदि कफ जमा हो, तो सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर मालिश करें। खांसी में लाभ होगा। ,
गुड़ – सर्द ऋतु में गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से खांसी, दमा एवं ब्रोन्काइटिस दूर हो जाती है।
अनार – आठ भाग अनार का पिसा छिलका और एक भाग सेंधा नमक दोनों को पानी में डालकर गोलियां बना लें। एक-एक गोली नित्य तीन बार चूसने से खांसी ठीक हो जाती है।
नीबू – नीबू में कालीमिर्च एवं नमक भरकर चूसने से खांसी तथा श्वास रोग में लाभ होता है।
नारंगी – खांसी होने पर गर्मी में ठंडे पानी के साथ और सर्दी में गरम पानी के साथ नारंगी का रस पीने से लाभ होता है।
सेब – पके हुए सेब का रस निकालकर मिश्री मिलाकर प्रात:काल पीते रहने से पुरानी खांसी में लाभ होता है।
अमरूद – यदि कफयुक्त खांसी हो, तो अमरूद को आग में भूनकर खाएं।
छोटी इलायची – खांसी में छोटी इलायची खाने से भी लाभ होता है।
लहसुन – 62 ग्राम सरसों के तेल में लहसुन की एक गांठ को पकाकर रख लें। इस तेल की मालिश सीने और गले पर करें। साथ ही मुनक्का के साथ दिन में तीन बार लहसुन खाएं। खांसी दूर हो जाएगी। 20 बूंद लहसुन का रस अनार के शरबत में मिलाकर पिलाएं। हर प्रकार की खांसी में लाभ होगा।
पानी – रात को गरम पानी पीकर सोने से खांसी कम आती है।
सूखी खांसी का घरेलू उपचार ( sukhi khansi ka gharelu ilaj )
सूखी खांसी में कफ नहीं निकलता। यह रोग धूल, धुआं आदि के गले में चले जाने से होता है। इसमें खांसी के साथ-साथ सीने में दर्द भी होने लगता है। बार-बार खांसी आने से गला अवरुद्ध हो जाता है। कभी-कभी यह फेफड़े के विकारों के कारण भी होती है। सूखी खांसी के घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं
कालीमिर्च – कालीमिर्च और मिश्री-दोनों को मुंह में रखकर चूसने से सूखी खांसी में लाभ होता है। इससे बंद गला भी खुल जाता है। कालीमिर्च और मिश्री का समभाग पीस डालें। फिर इसमें इतना घी मिलाएं कि गोली बन जाए। गोली को चूसने से सूखी खांसी में लाभ होता है।
शहद – 10-10 कालीमिर्च पीसकर शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटें। रात को गरम दूध में कालीमिर्च मिलाकर पिएं। सूखी खांसी नष्ट हो जाएगी।
गाजर – गाजर का रस 310 ग्राम और पालक का रस 125 ग्राम – दोनों को मिलाकर पीने से सूखी खांसी तथा श्वास-नली की सूजन में आराम मिलता है।
बादाम – बादाम को मुंह में रखने से गला तर रहता है और सूखी खांसी में काफी लाभ होता है।
आम – पके हुए आम को गरम राख में भून लें। ठंडा होने पर चूसें। इससे सूखी खांसी ठीक हो जाती है।
खजूर – सूखी खांसी होने पर खजूर का सेवन करें।
गन्ना – गन्ने का रस पीने से सूखी खांसी में लाभ होता है। साथ ही छाती की घबराहट जाती रहती है।
काली खांसी के घरेलू उपाय ( kali khansi ka gharelu ilaj )
काली खांसी छोटे बच्चों को होने वाला एक कष्टदायक संक्रामक रोग है। एक बच्चे को काली खांसी होने पर उसके सम्पर्क में आने वाले दूसरे बच्चे भी इसका शिकार हो जाते हैं। इस खांसी का वेग प्राय: रात्रि को अधिक होता है। इससे बच्चा पूरी नींद नहीं ले पाता। वह चिड़चिड़ा हो जाता है। खांसने पर कुत्ते के भूकने की तरह आवाज निकलती है। इसलिए इसे ‘कुकुर खांसी’ भी कहते हैं। इस रोग के घरेलू उपचार निम्नवत् हैं –
नारियल – 4-4 ग्राम नारियल का तेल (बिना कोई सुगन्ध मिलाए) एक वर्ष के बालक को नित्य चार बार पिलाने से काली खांसी में लाभ होता है।
बादाम – 5 बादाम शाम को पानी में भिगो दें। सुबह उसे छीलकर उसमें पिसी हुई मिश्री और एक कली लहसुन मिलाकर खिलाएं। 2-3 दिनों में काली खांसी ठीक हो जाएगी।
लहसुन – बच्चे को लहसुन की माला पहनाने तथा इसके तेल की मालिश करने से भी काफी लाभ होता है।
शहद – लहसुन का ताजा रस 10 बूंद, शहद 4 ग्राम और पानी 4 ग्राम – इन सबको मिलाकर ऐसी मात्रा दिन में चार बार दें। काली खांसी ठीक हो जाएगी।
फिटकरी – चने की दाल के बराबर पिसी हुई फिटकरी को गरम पानी में डालकर नित्य पीने से काली खांसी ठीक हो जाती है।
लौंग – लौंग को आग में भूनकर शहद में मिलाकर चाटने से भी काली खांसी में बहुत लाभ होता है।
तुलसी – तुलसी के पत्ते और कालीमिर्च – दोनों को समान भाग में पीस लें। फिर मूंग के बराबर गोलियां बनाकर एक-एक गोली रोज चार बार दें। काली खांसी ठीक हो जाएगी।
गन्ना – 62 ग्राम कच्ची मूली के रस को गन्ने के रस में मिलाकर दिन में दो बार पिलाने से काली खांसी में लाभ होता है।