Moch Ka Homeopathic Ilaj: मिचकोड़ आने पर एक कप गर्म पानी में 1 छोटा चम्मच में Arnica Q की 10 बून्द डाल कर उसमें पट्टी भिगोकर उससे उस स्थान पर सेक करें। हर तीन-चार घंटे सेंक करते रहें, और Arnica 30 हर 10 मिनट खाने को देते रहो। तीन घंटे बाद आर्निका घंटे-घंटे बाद कर दो। जब सूजन हट जाय, तब अंग को हिलाओ-जुलाओ, उसे अकड़ने मत दो। अगर दो दिन में आराम न हो, तो आर्निका की जगह बेल्लिस, मूल- अर्क को गर्म पानी में उसी तरह डाल कर उससे सेक करो और इसी औषधि की 30 शक्ति की मात्रा खाने को उसी प्रकार दो । रोग शान्त हो जाने पर अकड़न या दर्द न बना रहे इस प्रयोजन से Rhus tox 30 हर 4 घंटे कुछ दिन तक दो । अगर मिचकोड़ की हड्डी के भीतर दर्द बना रहे, तो Ruta 30 हर 4 घंटे कुछ दिन दो, सब ठीक हो जायेगा ।
एलोपैथी : इस प्रकार के आधातों में सामान्यतः स्टेरॉयडरहित प्रदाहरोधी औषधियां दी जाती हैं जिनके निम्नलिखित अतिरिक्त प्रभाव होते हैं :
घुटने और टखने में लगे चोट के लिए कोई स्थाई उपचार शल्यचिकित्सा में भी नहीं है। मैंने होम्योपैथी से मोच के अनगिनत मामलों की चिकित्सा की है और वह भी रोग से स्थाई मुक्ति के साथ।
होम्योपैथी : रसटाक्स, रूटा और अर्निका अत्यावश्यक हैं और संधियों एवं मांसपेशियों की बंद चोटों (ऐसा चोट जिसमें त्वचा फट कर रक्त न निकला हो) में इन औषधियों ने मुझे कभी निराश नहीं किया है। औषध की पोटेंसी और बारंबारिता का निर्णय होम्योपैथिक चिकित्सक के अनुभव के आधार पर किया जाता है।
केस
व्यवसाय से चिकित्सिका, मेरी एक संबंधी को नृत्य करते समय पश्च स्वास्तिकार स्नायु (पोस्ट-क्रूसियेट लिगामेंट) में चोट लग गई। इस पर ध्यान नहीं दिया गया और 9 महीने बाद उसने एक ‘सिस्ट’ का रूप ले लिया। तीन अग्रणी अस्थिरोग विशेषज्ञों के विचार एम.आर.आई. और सी.टी. स्कैन देखने के बाद, आपस में मिलते नहीं थे।
मुंबई के अस्थिरोग विशेषज्ञों ने शल्यक्रिया (सर्जरी) की सलाह दी, किंतु दिल्ली के चिकित्सक ने लंबे समय तक स्टेरॉयड रहित प्रदाहरोधी औषध लेने का परामर्श दिया। इन औषधियों को दो महीने तक इस्तेमाल करने के बाद उसे कोई लाभ तो नहीं हुआ, किंतु आमाशयशोथ (गैस्ट्राइटिस) और बवासीर (पाइल्स) अवश्य हो गया।
मैं छ: सप्ताह के लिए यू.के. गया हुआ था, इसलिए मेरी अनुपस्थिति में वह दिल्ली के एक सुप्रसिद्ध होम्योपैथ के पास गई जिसने मूल रोगविकृति (बेसिक पैथालोजी) को समझे बिना बहुत ऊंची पोटेंसी में पल्साटिला (होम्यो-चिकित्सक ने मुझे उस समय बताया जब मैंने उसे यू.के. से फोन किया था) दे दिया।
इस उपचार से भी ‘सिस्ट’ ज्यों का त्यों बना रहा। जब मैं यू.के. से लौटा तो मैंने उसके घुटने को उसी स्थिति में पाया जैसा वह पहले था। दूसरी ओर, पल्साटिला की ऊंची पोटेंसी दिए जाने के कारण उसे अनेक फोड़े और मूत्र संक्रमण भी हो गया था ।
होम्योपैथी : मैंने उसे निम्नलिखित औषधियां दीं :
बर्बेरिस Q और एपिस 200 पर्यायक्रम से। इन औषधियों ने एक पत्थर से तीन शिकार किए (घुटने का सिस्ट, फोड़े और मूत्र संक्रमण)।
एक बार मोच लगने के बाद टखने में बार-बार सूजन
केस
यद्यपि यह एक आम चोट है, किंतु पुनराक्रांत होने और बार-बार आवर्तन के लिए कुख्यात है। मुझे विश्वास है कि रोगी के प्रति ईमानदार कोई भी अस्थि-शल्य चिकित्सक इस रोग की आवृत्ति से इनकार नहीं कर सकता। अभी हाल में मेरे पास तीन ऐसे केसेज़ आए जिनमें अग्रणी अस्थि-शल्य चिकित्सकों के उपचार से रोगी ऊब चुका था। इनमें से एक केस मेरे भतीजे का और दूसरा मेरे सचिव का था। हाल के इन तीनों केसेज़ में ‘स्ट्रॉनशिया कार्ब‘ ने मुझे विफल नहीं होने दिया है।
Sprain ka Homeopathic Ilaj
मोच और खिंचाव से पीड़ित लोगों के लिए, होम्योपैथी लक्षणों को कम करने और रिकवरी में तेजी लाने के लिए दवाओं की एक श्रृंखला प्रस्तुत करती है, लक्षणों के आधार पर दवा का चुनाव किया जाता है :-
मोच और खिंचाव के प्रारंभिक उपचार के लिए Arnica montana अक्सर पसंदीदा उपाय है, जो सूजन, चोट और दर्द को कम करने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है।
Rhus Tox कठोरता, बेचैनी की भावना और दर्द के लिए सबसे उपयुक्त है जो निरंतर गति के साथ कम हो जाता है।
Bryonia की सिफारिश उन स्थितियों के लिए की जाती है जहां दर्द किसी भी हलचल के साथ तेज हो जाता है, अक्सर प्रभावित क्षेत्र में गर्मी, सूजन और कोमलता के साथ प्रकट होता है।
Ruta टेंडन और जोड़ों को प्रभावित करने वाली चोटों के लिए विशेष रूप से प्रभावी है, दर्द से राहत और उपचार में सहायता करता है।
Ledum Pal ठंडक और सूजन प्रदर्शित करने वाली चोटों के लिए अच्छा काम करता है, ठंड लगाने पर लक्षणों में सुधार होता है।
Hypericum तंत्रिका संबंधी चोटों, तेज दर्द या दबी हुई नसों से जुड़ी चोटों के लिए राहत प्रदान करता है।
Calcarea Phos हड्डियों और ऊतकों के उपचार और मरम्मत में सहायता करता है, जिससे यह फ्रैक्चर के साथ-साथ मोच और खिंचाव के लिए भी उपयोगी हो जाता है।
व्यक्तिगत उपचार योजनाओं के लिए पेशेवर होम्योपैथ से परामर्श के साथ, उचित दवा का चयन व्यक्तिगत लक्षणों पर आधारित होना चाहिए।
मोच और खिंचाव के लिए प्राकृतिक उपचार
होम्योपैथिक उपचारों के अलावा, कुछ प्राकृतिक अभ्यास मोच और खिंचाव की उपचार प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सहायता कर सकते हैं:
- आराम: आगे की चोट को रोकने और रिकवरी को बढ़ावा देने के लिए प्रभावित क्षेत्र को आराम देना महत्वपूर्ण है।
- बर्फ: बर्फ या ठंडी सिकाई करने से जलन और सूजन कम हो सकती है। सुनिश्चित करें कि त्वचा की सुरक्षा के लिए बर्फ लपेटी हुई है।
- संपीड़न: संपीड़न आवरण का उपयोग सहायता प्रदान कर सकता है और सूजन को कम कर सकता है, लेकिन इससे रक्त प्रवाह बाधित नहीं होना चाहिए।
- ऊंचाई: घायल क्षेत्र को हृदय से ऊपर ऊंचा रखने से सूजन कम करने में मदद मिल सकती है।
- हल्की हरकत: प्रारंभिक दर्द कम होने के बाद, हल्की हरकत और खिंचाव परिसंचरण और लचीलेपन को बढ़ा सकता है, लेकिन दर्द का अनुभव होने पर इसे बंद कर देना चाहिए।
- हर्बल उपचार: अर्निका, कॉम्फ्रे और कैलेंडुला जैसी जड़ी-बूटियों का सामयिक अनुप्रयोग सूजन को कम कर सकता है और उपचार में सहायता कर सकता है।
- पोषण: विटामिन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार शरीर की मरम्मत तंत्र के लिए आवश्यक है।
यदि दर्द या सूजन बनी रहे या यदि गतिशीलता गंभीर रूप से सीमित हो, तो पेशेवर चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है। उन्नत मामलों में भौतिक चिकित्सा या स्थिरीकरण तकनीक जैसे विशेष उपचार की आवश्यकता हो सकती है।