मोटापा का कारण – त्वचा के नीचे और समूचे शरीर में ज्यादा परिणाम में मेद (वसा या फैट) बढ़ जाने को स्थूलता या मोटापा बढ़ना कहते हैं। यह रोग वंशानुगत, ज्यादा परिणाम में वसा युक्त (चिकनी) चीजें खाने, बहुत ज्यादा खाना-पीना, चीनी चावल व आलू का अत्यधिक सेवन, बिना किसी चिन्ता के गृहस्थी का चलना, कोई शारीरिक या मानसिक श्रम न करना, एक ही जगह बैठे रहना, चलना-फिरना बिल्कुल नहीं या कम, थायराइड और पिट्यूटरी के ग्रन्थि का ठीक-ठीक कार्य न करना आदि कारणों से स्थूलता हो सकती हैं।
मोटापा के लक्षण – सुस्ती, आलस्य, साँस लेने में तकलीफ या गहरी साँस लेना, थोड़ी मेहनत में ही हाँफ जाना, रक्त का ठीक-ठीक संचालन न होना, उठने-बैठने में तकलीफ होना आदि लक्षणों से रोगी का शरीर व मन हमेशा ही खराब व उदास रहता है। इन रोगियों की कार्य क्षमता बहुत ही कम होती है।
मोटापा का इलाज घरेलू आयुर्वेदिक/जड़ी-बूटियों द्वारा
(1) सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पियें। मोटापा कम होगा।
(2) 3 चम्मच नींबू के रस में आधा ग्राम काली मिर्च का पाउडर और थोड़ा शहद मिलाकर 3-4 महीनों तक पियें।
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(3) ग्रीन टी वजन कम करने में सहायक है। रोजाना कम से कम 3 कप ग्रीन टी का सेवन करें।
(4) रोजाना सुबह के नाश्ते के साथ दो टमाटर खाएं। यह आपके कैलोरी इनटेक को कम करता है।
(5) 3-4 महीनें तक रोजाना सुबह 10-12 करीपत्ता खाएं। यह फैट गलाने में सहायक है।
(6) गन्ने का पुराना सिरका 10 से 20 ग्राम तक पानी से भरकर गिलास में डालकर चम्मच से हिलाकर पियें। प्रतिदिन और एक मास तक पीने से मोटापा कम होने लगेगा। लगातार छ: मास तक पीने से शरीर चुस्त, छरहरा, तेज-तर्रार हो जाएगा।
(7) मूली को शहद के साथ खाएं।
(8) मसूर के आटे की रोटियां सिरके के साथ खाएं। लाभ होगा।
(9) सोंठ, काली मिर्च, हरड़, बहेड़ा, आंवला, पीपल, जीरा, चित्रक और हींग का फूला – सबको समभाग लेकर चूर्ण बना लें। दो माशे प्रतिदिन प्रात:काल ताजा पानी के साथ सेवन करें।
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(10) लौंग, दालचीनी, कूट, नागरमोथा, देवदारु, सोंठ, मुलहठी तथा बायविडंग इन सबको समभाग लेकर चूर्ण बना लें। फिर गिलोय के रस के साथ मटर के बराबर गोलियां बनाकर रख लें। चावल की मांड़ के साथ प्रतिदिन एक गोली का सेवन करें।
(11) एक नींबू गर्म पानी में मिलाकर खाली पेट पीने के उपरान्त 12 औंस गाजर व 4 औंस पालक का रस पीने से मोटापा कम हो जाता है।
(12) 1 नींबू 250 ग्राम पानी में निचोड़कर निराहार मुँह पियें, दोपहर को 10 ग्राम शहद 125 ग्राम पानी में मिलाकर पियें। केवल गर्मियों में दो महीना पीने से जिस्म हल्का हो जायेगा।
(13) अन्नाहार पर नियंत्रण, व्यायाम व योगासनों के साथ-साथ नित्य कच्चा टमाटर, नींबू, नमक और प्याज के साथ खाने से आपका बढ़ा भार धीरे-धीरे कम होने लगेगा।
(14) आलू मोटापा नहीं बढ़ाता। आलू को उतारकर तीखे मसाले घी आदि लगाकर खाने से जो चिकनाई पेट में आ जाती है, वह चिकनाई मोटापा बढ़ाती है। आलू को उबालकर या गर्म रेत में भून कर खाना लाभप्रद और निरापद है।
(15) छाछ या दही के सेवन से मोटापा कम होता है।
(16) 100 ग्राम कुलथी की दाल नित्य खाने से मोटापा कम होता है।
(17) मोटापे में पानी और चावल वाले खाद्य कम लेने में मोटापन घटता है।
(18) गरम पानी जितना पिया जा सके, लगातार पीते रहने से मोटापा कम होता है।
(19) करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने व उसमें 1/2 ग्राम यवक्षार मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
(20) जिन व्यक्तियों को मोटापे की शिकायत हो वे पहले त्रिफला चूर्ण का काढ़ा बनायें फिर इसमें एक चम्मच शहद मिलायें। ऐसा भी कर सकते हैं कि एक चम्मच शहद और एक चम्मच काढ़ा रोजाना पियें, कुछ ही दिनों में मोटापा दूर हो जायेगा।
(21) त्रिफला चूर्ण को पानी में भिगोकर सुबह मसल छानकर शुद्ध शहद मिलाकर पीने से मोटापा अवश्य दूर हो जायेगा।
(22) शिलाजीत 2-3 रत्ती या शुद्ध गुग्गल 4-6 रत्ती सेवन किया जाए तो मोटापा बहुत जल्दी दूर हो जाता है। शक्ति बनी रहती है।
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मोटापा का बायोकेमिक/होमियोपैथिक इलाज
फाइटोलक्का मूल अर्क, फ्यूकस वेस मूल अर्क तथा ग्रेफाइटिस 30 रोजाना व कैल्ककार्ब 200, सप्ताह में एक बार कुछ दिन तक लेते/लेती रहें। व्यायाम व भोजन पर नियंत्रण जारी रखें। लाभ मिलेगा।