पेट का एमआरआई स्कैन एक ऐसा टेस्ट होता है जो रेडियो तरंगों एवं शक्तिशाली चुम्बक की सहायता से किया जाता है। इस टेस्ट से पेट के अंदर की तस्वीरें उभरकर सामने आती हैं साथ ही साथ इसमें एक्स-रे का उपयोग नहीं होता है।
एमआरआई क्या है ?
M. R.I क्या है ?
चुम्बकीय अनुनाद इमेजिंग एक ऐसा गैर-परीक्षण टेस्ट है जो शरीर के अंदर की छवियों को उभारने के लिए शक्तिशाली चुम्बक एवं मैगनेट का उपयोग करता है। इस टेस्ट की मदद से पेट के अंदर की छवियों को कंप्यूटर पर देखा जा सकता है। यह एक परीक्षा दर्जनों एवं कई बार सैकड़ों छवियों का उत्पादन करती है।
पेट का एमआरआई परीक्षण कैसे किया जाता है ?
आपको बता दें कि नियमों के अनुसार व्यक्ति को एमआरआई परीक्षण के दौरान अस्पताल से दिया गया गाउन अथवा कपड़ा पहनना होगा। जैसे बनियान, टीशर्ट इत्यादि।
इसके बाद व्यक्ति को एक बेड पर लिटा दिया जाएगा। यह बेड एक सुरंगनुमा स्कैनर का होता है, जिसमें व्यक्ति को ले जाया जाता है। इस परीक्षण के पूर्ण करने में तकरीबन 30 से 60 मिनटों का वक्त लगता है। इस दौरान स्कैनर को संचालित करने वाला व्यक्ति, दूसरे कमरे से ऑब्जर्व करता रहता है।
पेट के एमआरआई स्कैन के लिए तैयारी कैसे करें ?
आपको बता दें कि एमआरआई मैगनेट का उपयोग करता है। साथ ही साथ यह धातुओं को आकर्षित भी करता है। ऐसी स्थिति में निम्न सामान अपने साथ ले जाने से बचें:-
- पॉकेट में कोई भी ठोस चीज, जैसे पेन, चश्मा इत्यादि
- क्रेडिट कार्ड, घड़ी, इयरफोन, गहने इत्यादि
- हेयरपिन, किसी तरह का पिन, इत्यादि
- हटाने के लिए दंत प्रत्यारोपण
पेट के एमआरआई टेस्ट के दौरान कैसा महसूस होता है ?
इस टेस्ट के दौरान दर्द नहीं होता है। यदि व्यक्ति बहुत परेशान है या उसको घबराने की समस्या है तो आराम करने के लिए दवा दी जा सकती है। यह भी ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है कि एमआरआई स्कैन के दौरान बहुत अधिक हिलना-डुलना भी घातक हो सकता है। इससे एमआरआई की तस्वीरों में त्रुटियां आ सकती हैं।
एमआरआई स्कैन के दौरान व्यक्ति को जिस बेड पर लिटाया जाएगा वह ठंडा हो सकता है। इसके लिए व्यक्ति एक कंबल लेने के लिए पूछ सकता है। एमआरआई स्कैन शुरू होने पर मशीन से तेज आवाज़ आ सकती है। अगर व्यक्ति को तेज आवाज पसंद नहीं है तो कान में प्लग पहन सकता है।
आपको बता दें कि स्कैन की प्रक्रिया के दौरान कमरे में इंटरकॉम लगा रहता है, जिससे व्यक्ति किसी भी समय, किसी से बात कर सकता है। कुछ एमआरआई मशीन्स में मदद हेतु टीवी एवं एक विशेष प्रकार का हेडफोन भी लगा रहता है।
एमआरआई स्कैन से उबरने के लिए कोई रिकवरी समय नहीं दिया जाता है। स्कैन के बाद आराम के लिए कुछ दवाईयां दी जाती हैं जिससे व्यक्ति जल्दी रिकवर कर सके। साथ ही साथ स्कैन के कुछ घण्टों के बाद वह व्यक्ति सामान्य भोजन, क्रियाकलाप एवं दवाओं को वापस ले सकता है।
क्यों किया जाता है पेट का एमआरआई टेस्ट ?
आपको यह तो पता ही होगा की पेट के एमआरआई स्कैन से हमें पेट के अंदर की तस्वीरें अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर साफ-साफ दिखाई देती है। साथ ही साथ इसका इस्तमाल एक्स-रे या सिटी स्कैन से आए परिणाम को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।
आइए जानते हैं कि यह परीक्षण किन-किन चीजों को देखने के लिए किया जाता है :-
- पेट में यदि दर्द या सूजन हो तो इसका कारण जानने के लिए
- पेट में रक्त प्रवाह को जानने के लिए
- पेट में लिम्फ नोड्स को जानने के लिए
- पेट में रक्त वाहिकाओं को जानने के लिए
- गुर्दे या तिल्ली की अवस्था जानने के लिए
नोट – इस टेस्ट के द्वारा हम पेट में किसी भी प्रकार के ट्यूमर के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इससे ट्यूमर की आकार, प्रकार और गंभीरता जानी जा सकती है। इसे स्टेजिंग भी कहते हैं।
असामान्य परिणाम के निम्न कारण हो सकते हैं:-
- पथरी
- पुराने लिम्फ नोड्स
- गुर्दों में संक्रमण
- पेट के बाहर से शुरू होने वाले कैंसर का प्रसार
- पेट में फोड़ा
- बढ़े हुए प्लाही या यकृत
- कैंसर या ट्यूमर जिसमें ग्रंथियां, गुर्दे, यूटेरस, पित्ताशय की थैली, अग्नाश्य, आतें शामिल हैं
- यकृत
- गुर्दे में सूजन
एमआरआई स्कैन के जोखिम
आपको बता दें कि रेडियो तरंगों एवं चुम्बकत्व का आज तक कोई साइड इफ़ेक्ट सामने नहीं आया है।
एमआरआई के पास ठोस चीज या धातु ले जाने की अनुमति नहीं दी जाती है क्योंकि मशीन मैगनेट का इस्तेमाल करते हैं। व्यक्ति अपने चिकित्सक को बता सकता है कि उसके पास अगर कोई धातु से बनी चीज है तो। यदि आपको गुर्दे की शिकायत है तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को बताएं। देखा जाए तो एमआरआई स्कैन से कोई जोखिम वाली चीजें निकलकर सामने नहीं आती हैं। स्कैन के बाद व्यक्ति को डॉक्टर आराम करने में मदद करने के लिए सैटेस्पेक्ट दवा लिख सकता है।
एमआरआई स्कैन क्यों किया जाता है ?
- सिर का एमआरआई इसलिए किया जाता है कि पेशेन्ट को कोई ब्रेन की बीमारी तो नहीं। जैसे brain aneurysm, ब्रेन ट्यूमर इत्यादि।
- छाती की एमआरआई की जरुरत तब होती है जब पेशेंट के हार्ट को देखने की जरुरत पड़े, हार्ट वाल्व, ब्लॉकेज, आर्टरी इत्यादि को देखने के लिए। छाती की एमआरआई से लंग्स की स्थिति का भी पता लग जाता है, की कहीं लंग्स ट्यूमर तो नहीं है।
- पेट का एमआरआई से हम किडनी, पैंक्रियाज, लिवर इत्यादि का स्टेटस जान सकते हैं।
- पेल्विस के एमआरआई से हम urinary bladder, uterus, overy इत्यादि के बारे में जान सकते हैं।
- हड्डियों के एमआरआई से हम बोन ट्यूमर का पता लगा सकते हैं।
- जॉइंट्स के एमआरआई से हम अर्थराइटिस, dislocation इत्यादि के बारे में जान सकते हैं।
ओपन एमआरआई क्या होता है ?
यदि पेशेंट को मिर्गी या क्लौस्ट्रफ़ोबिया हो जिसके वजह से बंद जगह पर ज्यादा देर नहीं रह सकता तो ओपन एमआरआई किया जाता है। यह ओपन एमआरआई एक ओपन स्कैनर में किया जाता है।
एमआरआई से पहले की खास सूचना जो डॉक्टर को दें
- अगर पेशेंट ने पेसमेकर डलवाया है।
- पेशेंट की हड्डियों में कील डाली गई हो।
- अगर दांतों में चांदी की फिलिंग है।
- शरीर में कही भी टैटू बनवाया हो।
एमआरआई स्कैनिंग साइड इफेक्ट
आम तौर पे इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है और एमआरआई के दौरान दर्द भी नहीं होता। यदि कंट्रास्ट की आवश्यकता थोड़ा दर्द हो सकता है।
एम आर आई मशीन की कीमत
इसकी कीमत 2.5 लाख डॉलर से लेकर 4 लाख डॉलर तक होती है। एक बार एमआरआई टेस्ट करवाने पर 2400 रूपए खर्च होते हैं।