पेशाब में जलन होने पर असहनीय दर्द होता है। रोगी बार-बार पेशाब करने जाता है। इस रोग के प्रमुख कारण हैं – प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ जाना, मूत्रमार्ग तंग होना, वात रोग, पक्षाघात, मसाने की दुर्बलता, सर्दी या चोट लगना, सूजाक, प्रदर, पथरी, मूत्राशय, गुर्दे, आंत, मलाशय या गर्भाशय में छूत की बीमारी आदि। पेशाब में जलन होने पर सर्दी-कंपकंपी लगती है। कष्ट के साथ पेशाब होता है। मूत्र में श्लेष्मा या रक्त मिला होता है।
पेशाब में जलन के घरेलू उपचार ( peshab me jalan ka gharelu ilaj )
छोटी इलायची – छोटी इलायची को बारीक पीसकर दूध के साथ सेवन करने से पेशाब खुलकर आता है तथा मूत्रदाह बन्द हो जाता है।
प्याज – 5 ग्राम प्याज को बारीक काटकर आधा किलो पानी में उबालें। आधा पानी रहने पर छान-ठंडाकर पिएं। पेशाब की जलन दूर हो जाएगी।
इसबगोल – इसबगोल को भिगोकर उसमें बूरा (देशी चीनी) डालकर पीने से पेशाब की जलन मिट जाती है।
तरबूज – ओस में रखे हुए तरबूज का रस निकालकर प्रात:काल शक्कर मिलाकर पीने से पेशाब की जलन में लाभ होता है।
पालक – पालक के एक कप रस में आधा कप नारियल का पानी मिलाकर पी जाएं। पेशाब की जलन दूर हो जाएगी।
गन्ना – गन्ने के ताजा रस में नीबू तथा सेंधा नमक डालकर पीने से पेशाब की जलन में आराम मिलता है।
धनिया – 15 ग्राम धनिया रात को पानी में भिगो दें। सुबह उसे ठंडाई की तरह पीस-छानकर मिश्री मिलाकर पिएं। इससे पेशाब की जलन दूर हो जाएगी।
अांवला – हरे आंवले का रस 60 ग्राम और शुद्ध शहद 30 ग्राम – दोनों को मिलाकर दिन में तीन बार पिएं। यह एक मात्रा है। ऐसी तीन मात्रा नित्य लें। इससे पेशाब खुलकर आएगा और पेशाब की जलन ठीक हो जाएगी।
अनार – अनार का शरबत पीने से पेशाब की जलन मिट जाती है।
फालसा – फालसे का सेवन करने से पेशाब की जलन दूर होती है।
गेहूं – 12 ग्राम अच्छा गेहूं रात को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह उसे छानकर 25 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है।
पेशाब रोग कई प्रकार के होते हैं, जैसे – पेशाब का न बनना, बहुत पेशाब होना, पेशाब में सफेदी आना, मूत्र रुक जाना, खुलकर पेशाब न होना, रुक-रुककर पेशाब आना, पेशाब पीला होना आदि। ये सभी रोग हिस्टीरिया, चिंता, सिर में चोट लगने, यकृत या आमाशय के विकार, सर्दी लग जाने, शराब पीने, कब्ज, आतशक तथा पौष्टिक भोजन के अभाव में होते हैं। ऐसे में मंदाग्नि, तीव्र प्यास, अनिद्रा आदि रोगों की शिकायत हो जाती है।
पेशाब रोग घरेलू उपचार ( peshab rog ka ilaj )
नीबू – नीबू के बीजों को पीसकर नाभि पर रख ठंडा पानी डालें। इससे रुका हुआ पेशाब होने लगता है।
जीरा – जीरा और मिश्री-दोनों चीजों को पीसकर फंकी लेने से रुका हुआ पेशाब भी खुलकर आने लगता है।
शलजम – यदि पेशाब रुक-रुककर आए, तो एक शलजम और एक मूली दोनों को काटकर कच्ची ही खानी चाहिए।
पत्तागोभी – मूत्र की रुकावट में पत्तागोभी काफी लाभदायक है। इसकी सब्जी घी में छौंककर खाएं।
नारियल – नारियल का सेवन करने से मूत्र साफ आता है।
ककड़ी – ककड़ी का रस पीने से मूत्र अधिक मात्रा में आकर अनेक मूत्र रोगों का शमन हो जाता है।
दूध – दूध में गुड़ मिलाकर पीने से मूत्र रोगों में लाभ होता है।
मूली – यदि गुर्दे की खराबी से पेशाब बनना बन्द हो जाए, तो मूली का रस 2 औंस प्रति मात्रा पीने से काफी लाभ होता है। इससे पेशाब के समय होने वाली जलन और वेदना भी मिट जाती है।
अजवायन – अजवायन और तिल-दोनों को मिलाकर खाने से बहुमूत्र रोग ठीक हो जाता है।
गाजर – पेशाब में सफेदी आने पर 250 ग्राम गाजर का रस नित्य तीन बार पिएं। अवश्य लाभ होगा।
शहतूत – पेशाब का रंग पीला होने पर शहतूत के रस में शक्कर मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है।
प्याज – एक किलो पानी में 45 ग्राम प्याज के टुकड़े डालकर औटाएं। फिर इसे छानकर शहद मिलाकर नित्य तीन बार पिलाने से पेशाब खुलकर तथा बिना कष्ट के आता है। यह पेशाब बन्द हो जाने में भी लाभकारी है।
सेब – कुछ दिनों तक सेब खाने से बहुमूत्र रोग ठीक हो जाता है।