[ घातव पदार्थ : पहले-पहल डॉ हेरिंग ने इसकी परीक्षा की थी ] – यह दवा स्त्रियों की बीमारी में ही अधिक उपयोग होती है। इस दवा के मानसिक लक्षण बहुत कुछ प्लैटिना के समान हैं।
पैलेडियम दवा के लिए रोगिणी के लक्षण :-
- अत्यन्त अभिमानिनी होती है।
- जरा से में मिजाज गरम करने वाली और कड़वी बातें कहने वाली होती हैं।
- कोई उसे अच्छा कहता है तो बहुत प्रसन्न होती है, अगर जरा भी खराब कहा कि बिगड़ जाती है और चिढ़ उठती है।
- जरा से में रो देती है।
- वात का दर्द बढ़ना, अंगुली से जंघा व घुटने में चला जाना – यही इसके चरित्रगत लक्षण हैं।
स्त्री-रोग – इसमें ज्यादातर दाहिनी ओर से डिम्बाशय पर बीमारी का हमला होने का लक्षण है। डिम्बकोष ( ovary ) में स्नायु-शूल, तीर भेदने जैसा एक प्रकार का दर्द, डिम्बकोष की जगह से नीचे दाहिनी जाँघ में एक तरह का दर्द, कभी-कभी उस दर्द का ऊपर छाती की ओर चला जाना। दाहिना डिम्बकोष फूलना और वहाँ अकड़न या बहुत ज्यादा दर्द होना। पेशाब करते समय जबरदस्त तकलीफ और साथ ही ऐसा महसूस होना कि जरायु बाहर निकल पड़ेगी। लेटे रहने से दर्द कुछ घट जाना। जरायु अपनी जगह से हट जाना और साथ ही पीठ और जाँघ में दर्द रहना। तेजी से चलने और स्तन पिलाने से रजःस्राव होना। अमावस्या के दिन ऋतू हो तो पूर्णिमा तक ( लगभग 15 दिन बाद ) पूरी तरह प्रकट होना।
श्वेत प्रदर – मांड जैसा साफ़ स्राव, ऋतू के पहले और बाद में उसका बढ़ना। इसके अलावा – कंधे में दर्द, तलपेट में दर्द, दाहिने नितम्ब में सूजन इत्यादि में भी यह फायदा करती है।
क्रम – 6 से 12 शक्ति।