पतंजलि द्वारा निर्मित, पतंजलि यौवन चूर्ण एक नेचुरल दवाई है। इसे आयुर्वेदिक दवा को कई प्रकार के रसायनिक जड़ी बूटियों से बनाया गया है। इसके सेवन से न सिर्फ शरीर में शुक्र धातु की बढ़ोतरी होती है, साथ ही साथ यह सेक्सुअल डिसऑर्डर को भी दूर करता है।
बता दें कि पतंजलि यौवन चूर्ण के सेवन से न सिर्फ कमजोरी दूर होती है, बल्कि वजन की भी बढ़ोतरी होती है। यह शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाकर शरीर को विभिन्न रोगों से बचने में मदद करता है। इस दवा के सेवन से बुढ़ापा भी दूर होता है और साथ ही साथ यह दवा यौवन देता है।
पतंजलि यौवन चूर्ण के कंपोनेंट्स
सालम पंजा | 200 mg |
सालम मिश्री | 200 mg |
मिश्री | 50 mg |
सफ़ेद मूसली | 250 mg |
रूमी मस्तगी | 80 mg |
क्षीर काकोली | 250 mg |
अश्वगंधा | 390 mg |
कतीरा गोंद | 1315 mg |
पलाश | 175 mg |
बहमान सफ़ेद | 85 mg |
जहरमोहरा | 40 mg |
वांग | 40 mg |
लोबान | 175 mg |
बाबूल गोंद | 50 mg |
ग्लूकोज़ | 850 mg |
चीनी | 850 mg |
पतंजलि यौवन चूर्ण के फायदे
- यह दवा यौवन देती है, कमजोरी दूर करती है, साथ ही साथ शरीर को निरोग बनाने में सहायता करती है।
- यह दवा नशों एवं मांसपेशियों को स्टेमिना देता है और वजन बढ़ाने में मदद करता है।
- इसके सेवन से धातु पुष्ट होता है एवं शारीरिक बल की बढ़ोतरी होती है।
- इसमें कामोद्दीपक गुण होते हैं, यह दवा कामेच्छा को बढ़ता है।
- यह दवा कमजोरी को दूर कर शरीर को तंदुरुस्त बनाने में सहायता करती है।
- यह दवा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है जिससे रोग से लड़ने की शक्ति बढ़ती है और हम बार-बार बीमार नहीं पड़ते।
पतंजलि यौवन चूर्ण के सेवन का तरीका और मात्रा
- आधा से एक चम्मच, सुबह और शाम, दिन में दो बार लें।
- इसे दूध के साथ सेवन करें ताकि ज्यादा लाभ प्राप्त हो सके।
- चिकित्सक के परामर्श के बाद ही इस दवा का सेवन करें।
- जिनका वजन ज्यादा हो और जिन्हे मधुमेह की शिकायत हो, वो इस दवा का सेवन न करें।
पतंजलि यौवन चूर्ण के नुकसान और उसके साइड इफेक्ट्स
यह पूरी तरह हर्बल औषधि है जिसका कोई भी साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं आया है फिर भी ज्यादा मात्रा में सेवन करने से पेट में गैस की समस्या हो सकती है और जिन्हे महुमेह की समस्या है वो चिकित्सक के सलाह पे ही इसका सेवन करें।
नोट: यह दवा ऑनलाइन तथा मेडिकल स्टोर्स में उपलब्ध है।