प्रकृति – शीतल और तर। गोभी सफेद और पीले रंग की होती है। पीले रंग की गोभी अच्छी होती है।
गोभी में गंधक अधिक पाया जाता है। गंधक खुजली, कुष्ठ आदि चर्म रोगों में लाभदायक है। गोभी रक्तशोधक है। अत: इसे भाप में उबालकर खाना चाहिए। यह पानी में उबालने से गैस उत्पन्न करती है।
ज्वर – फूल-गोभी की सब्जी बिना तेल या कम-से-कम तेल का छौंक लगाकर बनाकर खाने से ज्वर ठीक हो जाता है।
रक्त की उल्टी – फूल-गोभी की सब्जी खाने से या कच्ची खाने से रक्त की उल्टी होना बन्द हो जाता है। क्षय रोगी इसे लें।
बवासीर (रक्तस्रावी तथा अरक्तस्रावी) दोनों प्रकार की बवासीर को फूलगोभी ठीक कर सकती है। फूलगोभी को घी में भूनकर सेंधा नमक डालकर खायें।
पेशाब को जलन में फूलगोभी की सब्जी खाना उपयोगी है।
लोहा – गर्भवती महिलाओं को लौह तत्व की पूर्ति के लिए फूलगोभी अच्छा स्रोत है।
कोलाइटिस, कैंसर, ग्रहणी व्रण (Duodinal Ulcer) – प्रात: भूखे पेट तीन चौथाई कप गोभी का रस नित्य पीते रहने से लाभ होता है।
अल्झाइमर्स – अल्झाइमर्स वृद्ध लोगों में होने वाली बीमारी है जिसमें याददाश्त, सोचन व बोलने की शक्ति पर नियंत्रण करने वाले मस्तिष्क के एक बड़े हिस्से को नुकसान पहुँचता है। स्मरणशक्ति कमजोर हो जाती है।
लंदन स्थित किंग कॉलेज में हुए एक शोध के अनुसार अल्झाइमर्स से बचाव एवं उपचार में फूलगोभी खाना मददगार हो सकता है। फूलगोभी के अलावा आलू, संतरा, सेब और मूली में वे तत्व होते हैं जो अल्झाइमर्स के इलाज में काम आने वाली दवा की तरह प्रभाव देते हैं। फूलगोभी में इनकी मात्रा सर्वाधिक होती है। वृद्धावस्था में फूलगोभी खाना लाभदायक है।
कब्ज़ – रात को सोते समय गोभी का रस पीने से लाभ होता है।
रक्तशोधक – गोभी में क्षारीय (Alkaline) तत्व होते हैं। गोभी में पाया जाने वाला सल्फर और क्लोरीन का मिश्रण म्युकस मेम्ब्रेन तथा आँतों की सफाई करता है। ये सब क्षार शरीर व रक्त को साफ करते हैं। इससे चर्म रोग, गैस, नाखून और बालों के रोग नष्ट होते हैं।
कच्ची गोभी का रस ही लाभ करता है। पकाने पर लाभ नहीं करता। इसका रस पीने से गैस बनती है। इससे बचने के लिए गोभी के रस में समान मात्रा में गाजर का रस मिलाकर पियें। एनिमा लगायें। फिर गैस नहीं बनेगी। गोभी का रस पीते रहने से जोड़ों और हड्डियों का दर्द, अपच, ऑखों को कमजोरी और पीलिया में लाभ होता है।
गाँठगोभी के फायदे
गाँठगोभी मीठी और कच्ची खाने में स्वादिष्ट है। गाँठगोभी में पाया जाने वाला कैल्शियम रक्तचाप को नियंत्रित करता है। पकाकर खाने की जगह गाँठगोभी कच्ची खाना ज्यादा अच्छा है। इसे काटकर अन्य कच्ची खाई जाने वाली चीजों के साथ खा सकते हैं। गाँठगोभी में ग्लूकोसिनोलेट जैव रसायन पाया जाता है, जो कुछ प्रकार के कैंसरों को रोकता है।