दाँत साफ न रखने, कीड़ा लग जाने, मीठा ज्यादा खाने, गरम-ठंडे पदार्थ एक साथ खाने, उदर-रोग, विटामिन ‘सी’ की कमी आदि कारणों से पायोरिया रोग हो जाता है । इसमें दाँतों की जड़ों से खून व मवाद निकलता है जिससे दाँतों की जड़ें खोखली होकर दाँत गिर जाते हैं ।
हिपर सल्फर 30 – मसूढ़ों से पीव का स्राव हो, ठंडे पदार्थ लेने से दर्द में वृद्धि हो जाये तो लाभदायक हैं ।
कैलेण्डुला Q, 30 – इसके मदरटिंक्चर को दस गुने पानी में मिलाकर प्रतिदिन 4-5 बार कुल्ला करें । 30 शक्ति का आन्तरिक प्रयोग लम्बे समय तक करें । इससे पायोरिया रोग निश्चित ही नष्ट हो जायेगा ।
साइलीशिया 30 – यदि मसूढ़ों से पीव बहने का रोग बहुत पुराना हो। चुका हो तो इसका प्रयोग करें ।
मर्कसॉल 30 – यदि मसूढ़ों से रक्त निकलता हो, गर्म-ठण्डा पानी मसूढ़ों में लगे, मुख से दुर्गन्ध भी आये तो इसका प्रयोग करें ।
कार्बोवेज 3x – पायोरिया की प्रारम्भिक अवस्था हो, मसूढ़ों से खून आये तो लाभदायक है ।
स्टैफिसेग्रिया 30 – मुंह में लार भर आती हो, दाँत काले पड़ने लगें और मसूढ़े स्पंज की भाँति फूल जायें तो लाभकर है ।
काली कार्ब 30 – मुख से दुर्गन्ध आये, मसूढ़े दाँतों को छोड़ने लगें तो इसका प्रयोग लाभदायक है ।