[ ऐरण्ड वृक्ष के पके बीज से टिंचर तैयार होता है ] – हैजा रोग की यह एक बहुत ही लाभदायक दवा है। अतिसार, रक्तशूल और आमाशय में इसका बहुत कम उपयोग होता है। डॉ० बोरिक का कहना है – यह अतिसार, आमाशय और बहुत से पुराने अतिसार ( obstinate chronic diarrhoea ) की बढ़िया दवा हैं। इसके सेवन से प्रसूता के स्तन का दूध बढ़ जाता है।
हैजा – औदरामयिक जाति के (diarrhoeic variety) हैजा की बहुत फायदेमन्द दवा है। पहले पेट की बीमारी के साथ दस्त अर्थात् थोड़ा-थोड़ा बदहज़मी की तरह दस्त, कई घण्टे या 2-3 दिन पहले से आरम्भ होकर क्रमश: वह बढ़ जाता है और अन्त में यह बीमारी ठीक-ठीक हैजा में परिणत हो जाती है। अर्थात चावल के धोवन की तरह दस्त, सड़े कोहड़े की तरह टुकड़े-टुकड़े मिला दस्त, कै, हाथ-पैर में ऐंठन, प्यास, शीत आ जाना, पेशाब बन्द इत्यादि लक्षण प्रकट होने पर और उसके साथ ही पेट में दर्द जरा भी न रहने पर रिसिनस से जरूर फायदा होगा। रिसिनस में – मछली या मांस के धोवन की तरह भी खून मिले दस्त आते हैं। जो हो, रिसिनस का चरित्रगत प्रधान लक्षण – पेट में किसी तरह का दर्द न रहना, यह लक्षण रहने पर-रिसिनस उत्तम औषध है।
रिसिनस के बहुत से लक्षण प्राय: वेरेट्रम की तरह हैं, पर भेद यह है कि वेरेट्रम में – बीमारी देखते-देखते एकाएक बढ़ जाती है और रिसिनस में – दस्त, वमन, ऐंठन सभी उपसर्ग धीरे-धीरे बढ़ते है और एक के बाद दूसरा उपसर्ग पर्याय-क्रम से आता है। वेरेट्रम में – पेट में बहुत दर्द रहता है, रिसिनस में-दर्द का अंश भी नहीं रहता। हिमांग अवस्था में बहुत ज्यादा परिमाण में अर्थात् परिमाण में अधिक और गिनती में अधिक दस्त होने पर रिसिनस से फायदा नहीं होता, उस समय प्रायः कार्बोवेज की जरूरत पड़ती है। इस अवस्था में अगर पेट में दर्द न रहे-रिसिनस और कार्बोवेज पर्यायक्रम से व्यवहार करने पर ज्यादा फायदा होगा।
इस देश में अकसर आक्षेपिक जातीय ( Spasmodic, अकड़नवाला ), पक्षाघातिक (paralytic) जाति का और औदरामयिक ( diarrhoeic ) जाति का – इन तीन प्रकारों का हैजा ही अधिक होते देखा जाता है ; कैम्फर और वेरेट्रम पहले वाली दोनों जातियों के हैजा की प्रधान दवाएँ होती है। अब अन्तिम अर्थात् औदरामयिक ( diarrhoeic ) जाति की प्रधान दवाओं की एक सूची में – एकोन 2x, ऐसिड फॉस, इपिकाक, पाॅडो, आइरिस, क्रोटॉन, नक्स, कोलचिकम, आर्सेनिक, रिसिनस, इलाटिरियम, गेम्बोजा, जैट्रोफा, कैलि फॉस, मर्क कॉर, सल्फर – इन सबकी औदरामयिक जाति के हैजा में हमेशा जरूरत पड़ा करती है।
अतिसार – दुरारोग्य, बिना दर्द के पुराने अतिसार में रिसिनस फायदा करती हैं।
क्रम – 3x, 30 शक्ति।