[ घातव-पदार्थ, यह विचूर्ण के आकार मेें तैयार होता है ] – कान की बीमारी और रुपये की तरह गोलाकार चकत्ते, उसके चारों ओर के किनारे कटे-कटे इस तरह के कई चर्म-रोग जैसे दाद इत्यादि में यह ज़्यादा फायदा करती है ।
कान में पीब होने पर हमलोग अकसर हिपर, साइलिसिया, कैल्केरिया सल्फ, पल्सेटिला, सोरिनम, मर्क्युरियस इत्यादि दवाओं की व्यवस्था किया करते हैं। जहाँ देखें – पीब पानी की तरह पतली, बहुत बदबूदार, ठीक मानो मछली का घोया हुआ पानी, स्त्राव जहाँ लगता है, वहीं की खाल उघड़ जाती है, वहाँ-टेल्यूरियम फायदा करती है, टिम्पेनाइ मेम्ब्रेन (कर्ण-पटह का आवरक पर्दा ) में छेद होकर बहुत दिनों तक अगर पीब गिरती रहे तो इससे विशेष उपकार होने की सम्भावना है । पल्सेटिला में गाढ़ी पीब निकलती है ।
चर्म-रोग – दाद, चेहरे का दाद, शरीर के निम्नांग का दाद, इसके सिवा शरीर के सभी स्थानों में दाद होने पर और खुजली ( barber itch) में – टेल्यूरियम फायदा करती है । दाद या दाद की प्रकृति की किसी तरह का चर्म-रोग रहे और उसमें बहुत खुजलाहट हो तो पहले इसका प्रयोग करना चाहिये । कान की बीमारी और दाद के लिये-कुछ अधिक दिनों तक रोज़ 2-3 बार इसके सेवन करने की जरूरत होती है, क्योंकि इसकी क्रिया कुछ देर से होती है । फायदा होते ही दवा सेवन करना बन्द कर देना चाहिये । पहले छठी, इसके बाद 30 शक्ति दें ।
क्रियानाशक – नक्स ।
क्रिया का स्थितिकाल – 30 से 40 दिन ।
क्रम – 6, 30 शक्ति ।