दाँत या दाँतों में दर्द मुख्यतः दाँतों में चोट लग जाने, ठंडे-गर्म पदार्थ एक साथ खाने, मीठे पदार्थ ज्यादा खाने, दाँतों में कीड़ा लगने, पायोरिया हो जाने, उदर-रोग होने आदि के कारण होने लगता है ।
प्लैण्टेगो Q – हर प्रकार के दाँत-दर्द में प्लैण्टेगी मदरटिंक्चर को दाँतों की जड़ों में लगाकर लार टपकाने से तुरन्त आराम आ जाता है ।
बेलाडोना 6 – मसूढ़े में सूजन और दर्द, दाँत खोदने पर खून निकलने से आराम महसूस होना- इन लक्षणों में दें । बच्चों और स्त्रियों को विशेष लाभकर है ।
मर्कसॉल 6, 30 – दाँत-दर्द की उत्कृष्ट औषधि है । मसूढ़े में सूजन, पूरे मुँह में दर्द फैल जाना, गर्म पानी से कुल्ला करने पर कुछ राहत महसूस होना इत्यादि लक्षणों में लाभ करती है ।
स्टैफिसेग्रिया 6, 30 – मसूढ़े में जख्म, दाँतों का क्षय होना आदि लक्षणों में लाभप्रद है ।
एकोनाइट 30 – एकाएक दाँत में जोरों का दर्द उठना, असह्य वेदना, सिर में भी दर्द फैल जाना, सदीं लगने के कारण दर्द का होना, बेचैनी आदि लक्षणों में इसका प्रयोग करें ।
आर्निका 6, 30 – जब दाँतों को उखड़वाने के कारण उनमें दर्द होता हो तब इसका प्रयोग लाभदायक हैं ।
कॉफिया क्रूडा 30 – बेहद दर्द, ठण्डे पानी के प्रयोग से दर्द का घट जाना, कड़ी चीज चबाने पर भी दर्द का घट जाना इत्यादि लक्षणों में दें ।
साइलीशिया 30, 200 – हर वक्त दर्द का बने रहना और खासकर रात में दर्द का बढ़ जाना, पूरे माथे की हड्डियों में दर्द का फैल जाना इत्यादि लक्षणों में लाभप्रद है ।
सल्फर 30 – दाँत में अगर बहुत दिनों से निरन्तर दर्द होता हो तो इस दवा को देने से लाभ होता है ।