उदरामय, उसके साथ कॉलिक अर्थात शूल की तरह व्यथा, मिचली, पाखाने के बाद निम्नांग में सुन्नपन मालूम होना और पित्तशूल, पैत्तिकता, उठने से ही मिचली आने लगना – बाद में कै व अकड़न, कुछ खाने की इक्छा न करना, यह दवा कई लक्षणो में बहुत लाभ करता है, इनके अलावा सारी गाँठों में जकड जाने का भाव, हाड़ में चबाने जैसा दर्द, पीठ में वात का दर्द, अंग-प्रत्यंग में दर्द इसका विशेष लक्षण है।
रोगी को कपाल के पिछले हिस्से में दर्द होता है, इसके साथ मिचली और उल्टी जैसे लक्षण में ट्रिओस्टियम पर्फोलिएटम औषधि बहुत अच्छा काम करता है। ठण्ड लगकर होने वाले बुखार और साथ में पूरे शरीर में दर्द व जलन, पुराने जुकाम और सिर दर्द में भी ट्रिओस्टियम पर्फोलिएटम से फायदा होता है।
कुछ भी खाने की इक्छा न करना, बैठने के बाद उठने पर मिचली और उल्टी होने जैसा महसूस होना, पतले दस्त बार-बार होना और दस्त फेनदार होना जैसे लक्षण में ट्रिओस्टियम पर्फोलिएटम दवा का उपयोग अवश्य करके देखें।
जोड़ों में कड़कपन आ जाना, हड्डियों में दर्द होना, गैस के कारण मांस-पेशियों में सुन्नता आ जाना, हर अंग-प्रत्यंग में दर्द होने पर ट्रिओस्टियम पर्फोलिएटम दवा के प्रयोग से लाभ होता है।
क्रम – इसके 6 शक्ति का प्रयोग ज्यादा लाभ देता है।