[ ताजे पत्ते से टिंचर तैयार होता है ] – इसका पेशाब की बीमारी में ही अधिक व्यवहार होता है, मसाने का प्रदाह, पेशाब के साथ श्लेष्मा और रक्त, रक्त का पेशाब, जरायु से रक्तस्राव, पेशाब का वेग, कूथन, पेशाब के बाद जलन, पथरी प्रभृति कई बीमारियों में इसके द्वारा विशेष उपकार होता है।
पेशाब की बीमारी में – जहाँ बार-बार पेशाब का वेग, मूत्राशय में तेज़ आक्षेप, पेशाब में जलन और काटने- फाड़ने की तरह दर्द होता है, पेशाब में रक्त, पीब, लसदार श्लेष्मा, हरे रंग का पेशाब, कष्टकर पेशाब प्रभृति लक्षण रहते है – वहाँ इस दवा को अवश्य याद करें।
मूत्रनली में पथरी रहने की वजह से बहुत ज्यादा प्रदाह, पेशाब निकलते-निकलते एकाएक बन्द हो जाना – जैसे भीतर पथरी अड़ गई हो। पेशाब सूत की तरह निकले, तो यूवा उर्सी लाभदायक है।
लक्षण में कमी – पेशाब करने के बाद लक्षण में कमी आती है।
क्रम – यूवा उर्सी Q की 10 बून्द आधे कप पानी में डालकर दिन में 3 बार दें। इसकी 2री शक्ति का भी उपयोग होता है।