शरीर में विटामिन ‘बी’ की कमी हो जाने पर पृथक्-पृथक् विटामिन ‘बी’ के अंश (तत्त्व) से बनी औषधियों के बदले बी. कम्पलेक्स की औषधियों को प्रयोग कराने से अधिक लाभ होता है । शरीर में विटामिन बी की कमी हो जाने पर रोगियों में विभिन्न प्रकार के लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं –
विटामिन B1 की कमी से होने वाले मुख्य रोग हैं :-
- बेरी बेरी
- सुस्ती और चक्कर आना
- एकाग्रता की कमी
- चिड़चिड़ापन
- कब्ज की शिकायत रहना
- कमजोरी महसूस करना
• विटामिन ‘बी’ कम हो जाने पर कई रोगियों में प्रारम्भ में पैर की अँगुलियों और हाथों के नाखूनों में फड़कन (Tingling) झनझनाहट या सनसनाहट होती है जो बाद में समस्त हाथों और पैरों में अनुभव होने लग जाती है ।
• विटामिन ‘बी’ कम हो जाने पर मस्तिष्क की स्नायु पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है । स्नायु-शोथ होने, स्नायु में दोष आ जाने से पैर ठण्डे और गीले प्रतीत होते हैं । रोगी को हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों में जलन प्रतीत होने लग जाती है ।
• विटामिन ‘बी’ की कमी से मस्तिष्क व सिर के पिछले भाग की स्नायु में दोष आ जाने पर रीढ़ की हड्डी और सुषुम्ना में चेतना की कमी हो जाती है, जिससे उनसे सम्बन्धित माँसपेशियाँ (पुट्ठे) कमजोर हो जाते हैं। पैर के टखनों और घुटनों में झटके लगना, स्नायु कमजोर, अंगों का हिल न सकना, कमजोरी, वजन कम हो जाना, गहरी नींद न आना, मूत्राशय के दोष जैसे – मूत्र अधिक आना, रात्रि में बार-बार मूत्र आना अथवा मूत्राशय पक्षाघात से ग्रसित हो जाना और रोगी को पसीना आदि विकार हो जाते हैं ।
• विटामिन ‘बी’ की कमी से स्त्रियों को मासिक धर्म कम मात्रा में आने लग जाता है, रुक जाता है अथवा देर (विलम्ब) से आता है और कई स्त्रियों को तो कई-कई मास बाद थोड़ी मात्रा में ही मासिक स्राव आता है ।
• विटामिन ‘बी’ कम हो जाने से कई रोगियों के शरीर पर लाल चकत्ते निकल आते हैं । ऐसे काफी रोगियों को यीस्ट पाउडर या टिकिया खिलाते रहने से उनके ये सब कष्ट दूर हो जाते हैं ।
• डॉ० बिस्किण्ड (Biskind) जिन्होंने विटामिन ‘बी’ पर बहुत ही अनुसन्धान किया है । उन्होंने लिखा है कि विटामिन ‘बी’ कम हो जाने पर स्त्रियों के स्तनों में दर्द होने लग जाता है । प्रदर आने से पूर्व शरीर और पेड़ू में दर्द व कष्ट होता है । काम करने को दिल नहीं चाहता है। दोनों मासिक धर्मों के मध्य गर्भाशय से रक्त आना (Menorrhagia) इत्यादि कष्ट होने लग जाते हैं । विटामिन बी काम्प्लैक्स के प्रयोग से उपर्युक्त लक्षण व कष्ट तुरन्त जादू की भाँति दूर होने लग जाते हैं किन्तु इन रोगों में बी कम्पलैक्स अधिक मात्रा में खिलाने की जरूरत पड़ती है ।
• डॉ० बिलकिनसन ने 14 ऐसे रोगियों का वृतान्त लिखा है – ‘बी’ काम्प्लैक्स की कमी से दृष्टि कमजोर हो जाना (Amblyopia) हाथ और पैरों में कमजोरी आ जाना, हृदय अधिक धड़कना, शरीर पर सूजन और पानी पड़ जाना, सिर चकराने से रोगी को दिन में 3-4 बार यीस्ट अधिक मात्रा में खिलाते रहने से ये सब रोग दूर हो जाते हैं। इनका लेख (जो लन्दन की सुप्रसिद्ध पत्रिका) Lancet में प्रकाशित हुआ था, में इन्होंने लिखा था कि रोगियों को निकोटिनिक एसिड या रिबोफ्लोबिन खिलाने पर तो लाभ न हुआ, परन्तु इन दोनों को मिलाकर सेवन कराने से रोगियों के उपर्युक्त समस्त कष्ट दूर हो गये ।