Tinospora Cordifolia एक प्रकार की औषधि है, जो प्राचीन काल से प्रयोग में लायी जा रही है, इसे अन्य भाषा में गिलोय भी कहा जा सकता है। गिलोय एक बहुत ही लाभदायक औषधि है जोकि आयुर्वेद और होम्योपैथी दोनों में प्रयोग की जाती है दवाई के रूप में। गिलोय को गुडूची भी कहा जाता है। Tinospora Cordifolia एक Plant Kingdom की दवाई है। Tinospora Cordifolia के पत्ते दिल के आकार के होते है, यह दिल के लिए बहुत ही असरदार दवाई है।
हमारे शरीर पर Tinospora Cordifolia होम्योपैथी दवा के पड़ने वाले प्रभाव
- यह दवाई शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करती है, यदि आपको बुखार है तो यह दवाई बुखार उतारने के लिए बहुत ही लाभदायक है।
- यह दवाई दिल की धड़कनों को तेज से सामान्य करने में मदद करती है।
- अगर आपकी तिल्ली बड़ी हो जाती है तो यह दवाई बहुत ही लाभदायक है, तिल्ली की सभी समस्याओं में यह दवाई लाभदायक है।
- यह दवाई लिवर के लिए भी लाभदायक है, यदि आपको यूरिन इन्फेशन है तो भी यह दवाई ली जा सकती है।
- यह खून को साफ करने में भी लाभदायक है।
- यह दवाई शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है।
- वह कौन से लक्षण है जब Tinospora Cordifolia होम्योपैथी दवाई ली जानी चाहिए ?
- यदि आपको बार-बार बुखार होता है तो Tinospora Cordifolia दवाई दी जानी चाहिए।
- अगर आपको मलेरिया होता है और मलेरिया की समस्या आपको बार-बार हो जाती है तो यह दवाई बहुत ही लाभदायक है।
- यदि आपको बहुत ठण्ड लगती है और फिर बुखार चढ़ जाती है, फिर अपने आप बुखार उतर भी जाता है इसके पश्चात् उल्टी आती है और पित्ती की उल्टी होती है, साथ ही सिर भी दर्द होता है, तो Tinospora Cordifolia दवाई बहुत ही असरदार है।
- अगर शरीर अंदर से टूट रहा तो और बुखार अंदर से महसूस हो, बाहर बुखार ना दिखे और अगर यह समस्या लम्बे समय से है तो यह दवाई बहुत फायदेमंद है।
- यदि आपको बार-बार पेशाब हो और उसमे जलन भी महसूस हो तो यह दवाई बहुत ही कारगर है इस समस्या के लिए।
- यदि आपका दिल बहुत तेजी से धड़कता है तो यह दवाई उसे सामान्य करने के लिए बहुत ही लाभदायक है।
किन-किन बीमारियों में Tinospora Cordifolia किस-किस मात्रा में लेनी चाहिए ?
Tinospora Cordifolia का प्रयोग mother tincher में करना है हर समस्या के लिए। यदि आपको मलेरिया हो जाता है और मलेरिया की समस्या बार-बार हो जाती है तो Tinospora Cordifolia की 20-20 बून्द आधे कप पानी में डाल कर हर एक घंटे में लेना चाहिए। यह दवाई आपको पांच दिन तक हर एक घंटे में लेना है और उसके बाद इसे दिन में तीन से चार बार पीना है।
अगर आपको तिल्ली में समस्या है वह बड़ी हो गई है तो Tinospora Cordifolia की 10 बून्द आधे कप पानी में डाल कर दिन में तीन बार लेना है।
यदि आपको पेशाब बहुत होता है और उसमे जलन भी होती है तो Tinospora Cordifolia की 20 बून्द दिन में तीन से चार बार लेनी है आधे कप पानी में डाल कर। यह दवाई आपको 15 दिन तक लेनी है।
यदि आपको बुखार है और शरीर भी टूट रहा है तो Tinospora Cordifolia की 10 बून्द आधे कप गुनगुने पानी में डाल कर हर आधे घंटे में ले। आपका बुखार लगभग तीन घंटे में उतर जायेगा।
अगर आपका दिल बहुत तेज धड़कता है Tinospora Cordifolia दिन में तीन बार लें आधे कप पानी में 10 बून्द डाल कर, इसके साथ अन्य दवाइयों का भी सेवन करें।
अगर आपको बहुत सारे चर्म रोग है और वह खून की खराबी के कारण है तो यह दवाई आपके खून को साफ करने में बहुत मदद करेगी। Tinospora Cordifolia की 10 बून्द दिन में तीन बार आधे कप पानी में डाल कर लेना है, इसका सेवन एक महीने तक करें।
नोट :- यदि कोई गर्भवती महिला है तो उसे यह दवाई नहीं लेनी चाहिए, यह दवाई गर्भवती महिला के आलावा किसी को भी लेनी है तो वह किसी भी होम्योपैथी दूकान पर आसानी से मिल जाएगी।