जुकाम साधारणतया ठंड लगने, कब्ज में सर्दी का प्रकोप होने, ठंडे पानी में चलने-फिरने, बरसात में भीगने, एकाएक पसीना बंद हो जाने, शरीर में बाहरी पदार्थों के प्रवेश करने तथा ऋतु परिवर्तन आदि के कारण हो जाता है। यह एक प्रकार का संक्रामक रोग है। इसमें रोगी की नाक की श्लैष्मिक कला में सूजन आ जाती है।
जुकाम के घरेलू उपचार ( jukam ka gharelu upay )
सरसों का तेल – यदि पुराना जुकाम हो, नाक से दुर्गन्ध आए, रक्तरंजित या रक्तहीन पीले श्लेष्मा के छीछड़े गिरें, तो रात को 15 बूंद सरसों के तेल में 7 बूंद पानी मिलाकर मथें। झाग आने पर सूंघें तथा नाक में भी लगाएं। उक्त सभी उपसर्ग में काफी लाभ होगा।
हींग – हींग का घोल सूंघने से नाक में जमा कफ-श्लेष्मा बाहर निकल आता है, दुर्गन्ध दूर होती है तथा जुकाम ठीक हो जाता है।
अमरूद – पुराने सर्दी एवं जुकाम में 3 दिनों तक केवल अमरूद खाकर रहने से बहुत लाभ होता है।
मौसमी – बार-बार जुकाम होने पर कुछ दिनों तक मौसमी का रस रोज दो-तीन बार पिएं।
प्याज – कच्चा प्याज खाने से सर्दी-जुकाम ठीक हो जाता है। यदि जुकाम में नाक से पानी बहता हो, तो प्याज का रस सुंघाने से रोगी को आशातीत लाभ होता है।
पुदीना – जुकाम-खांसी होने पर पुदीने की चाय में थोड़ा-सा नमक डालकर पीने से फायदा होता है।
चना – गरम-गरम चने रूमाल में रखकर सूंघने से सर्दी के कारण होने वाला जुकाम ठीक हो जाता है।
सेंधा नमक – सेंधा नमक एक भाग और देशी चीनी (बूरा) चार भाग दोनों को मिलाकर पीस लें। आधा चम्मच चूर्ण नित्य तीन बार गरम दूध के साथ लेने पर जुकाम ठीक हो जाता है।
मुनक्का – 11 मुनक्का, 11 कालीमिर्च तथा 5 बादाम की गिरी-तीनों को पानी में भिगो दें। फिर बादाम का लाल छिलका छीलकर सबको पीस डालें। इसे 25 ग्राम मक्खन में मिलाकर रात को सोते समय खाएं। जुकाम ठीक हो जाएगा।
नीबू – गुनगुने पानी में नीबू निचोड़कर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। तेज जुकाम होने पर एक गिलास उबले पानी में एक नीबू तथा इच्छानुसार शहद मिलाकर रात को पिएं।
सोंठ – प्रात:काल दूध में पीपल, कालीमिर्च और सोंठ डाल-उबालकर पिएं। यह प्रयोग कई महीने तक करें। जुकाम स्थायी रूप से ठीक हो जाएगा।
गुड़ – सोंठ और गुड़ को पानी में डालकर उबालें। जब पानी चौथाई रह जाए, तो सुहाता-सुहाता गरम छानकर पिएं। सर्दी-जुकाम में लाभ होगा।
धनिया – 125 ग्राम धनिया कूटकर 500 ग्राम पानी में उबालें। जब पानी चौथाई भाग रह जाए, तो छानकर 125 ग्राम मिश्री मिलाकर फिर गरम करें। जब वह गाढ़ा हो जाए तो उतार लें। इसे रोज 10 ग्राम चाटें। मस्तिष्क की कमजोरी से होने वाला जुकाम ठीक हो जाएगा। मस्तिष्क की कमजोरी भी दूर हो जाएगी।
शहतूत – जुकाम और गले के रोगों में शहतूत बहुत हितकर है।
गाजर – गाजर का रस 310 ग्राम और पालक का रस 125 ग्राम-दोनों को मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम ठीक हो जाते हैं।
सौंफ – 15 ग्राम सौंफ और 7 लौंग-दोनों को 500 ग्राम पानी में उबालें। चौथाई पानी रहने पर बूरा मिलाकर घूंट-घूंट पिएं। जुकाम ठीक हो जाएगा।
हल्दी – यदि जुकाम अथवा दमा में कफ गिरता हो, तो प्रतिदिन तीन बार एक-एक चम्मच पिसी हुई हल्दी की फंकी गरम पानी से लें।
अजवायन – अजवायन की बीड़ी बनाकर पीने से जुकाम में लाभ होता है। 6 ग्राम अजवायन को पतले कपड़े में बांधकर हथेली पर रगड़-रगड़कर बार-बार सूंघे। जुकाम दूर हो जाएगा।
अंगूर – जुकाम दूर करने के लिए प्रतिदिन 50-50 ग्राम अंगूर खाएं।
अदरक – यदि जाड़े की ऋतु में भयंकर जुकाम हो जाए तो 10 ग्राम अदरक के रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर गरम करके दिन में दो-तीन बार पिएं। अदरक 5 ग्राम, मिश्री 10 ग्राम एवं कालीमिर्च 10 नग-इन तीनों को 200 ग्राम जल में डालकर काढ़ा बनाकर पिएं। जुकाम ठीक हो जाएगा।
लहसुन – लहसुन के सेवन से जुकाम ठीक हो जाता है।
राई – राई में शहद मिलाकर सूंघने तथा खाने से जुकाम दूर होता है।
छोटी इलायची – छोटी इलायची का छिलका चाय में डालकर पीने से जुकाम में अवश्य लाभ होता है।
दालचीनी – जुकाम होने पर दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें किसी रूमाल पर डालकर सूंघे। काफी लाभ होगा। पिसी हुई मिश्री में कुछ बूंदें दालचीनी का तेल डालकर खाने से तेज जुकाम भी ठीक हो जाता है।
कालीमिर्च – रात को सोते समय 8-10 दाने कालीमिर्च चबाकर ऊपर से गरम दूध पीने पर जुकाम में लाभ होता है। पिसी हुई कालीमिर्च में दही और गुड़ मिलाकर रोज दो बार खाने से बिगड़ा हुआ जुकाम ठीक हो जाता है।
तेजपात – तेजपात के पेड़ की छाल तथा छोटी पीपल-दोनों का चूर्ण बनाकर आपस में मिला लें। इसका सेवन रोज शहद के साथ करने से खांसी-जुकाम में लाभ होता है एवं कफ बनना बन्द हो जाता है।
पान – पान में लौंग डालकर चबाने से खांसी -जुकाम में लाभ होता है।
मुलहठी – मुलहठी की जड़ का काढ़ा पीने से जुकाम बह जाता है।
नमक – हल्दी, कालीमिर्च तथा सेंधा नमक-प्रत्येक 5-5 ग्राम पीसकर एक गिलास पानी में उबालें। आधा पानी बचने पर गुनगुना पी जाएं। तुरन्त ही जुकाम कम हो जाएगा।
तिल – जाड़े की ऋतु में गुड़ और तिल के लड्डू या गजक खाने से दमा, जुकाम, खांसी, ब्रोन्काइटिस आदि रोगों में लाभ होता है। ये रोग न होने पर भी लड्डू का सेवन करने से रोग का आक्रमण नहीं होता।
चाय – यदि नाक से पानी जैसा तरल पदार्थ टपक रहा हो, अांखें लाल हों और ठंड के कारण छींकें आ रही हों, तो चाय पीने से आराम मिल जाता है। यदि जुकाम खुश्क हो, सिर दर्द हो अथवा कफ गाढ़ा या पीला बदबूदार हो, तो चाय कदापि नहीं पीनी चाहिए।
गरम पानी – जुकाम होने पर गरम पानी का प्रयोग करना हितकर होता है।
केसर – केसर को गोघृत में पीसकर थोड़ा सा गरम करके नस्य देने से जुकाम ठीक हो जाता है।
तुलसी – तुलसीदल, कालीमिर्च एवं सोंठ – इन तीनों का काढ़ा बनाकर पिएं। जुकाम से शीघ्र ही राहत मिल जाएगी।
-> तुलसीदल, कालीमिर्च, सेंधा नमक, गुड़ या शक्कर, दूध तथा चाय की पत्ती डालकर चाय बनाकर पिएं। जुकाम ठीक हो जाएगा।
-> छाया में सूखी तुलसी की पत्तियां सूघने से तीव्रता से बहता हुआ जुकाम भी ठीक हो जाता है।
विशेष – यदि छोटे बच्चों और शिशुओं को खांसी, जुकाम एवं फेफड़ों में कफ की घड़घड़ाहट हो, तो तुलसी के पत्तों में शहद मिलाकर देना चाहिए।