चक्कर क्यों आते हैं?
साधारणतया चक्कर (Giddiness) तब आते हैं, जब स्त्री या पुरुष के दिमाग में खून कम मात्रा में पहुंचता है। कई बार रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) में अचानक कमी आ जाती है, जिसके कारण चक्कर आने लगते हैं। मध्य कर्ण में सूजन होने से भी चक्कर आने लगते हैं। अजीर्ण, धूप में घूमना, खून की कमी, अधिक संभोग करना, अधिक हस्त मैथुन करना, स्त्रियों में मासिक धर्म की खराबी, बहुत ज्यादा थकावट आदि के कारण शरीर में चक्कर आने लगते हैं।
चक्कर आने का लक्षण
मस्तिष्क में चक्कर अधिक देर तक नहीं आते हैं। कुछ ही क्षणों बाद सिर का घूमना बन्द हो जाता है। इस रोग के मुख्य लक्षणों में आंखों के आगे अंधेरा छाना, सामने की वस्तुएं घूमती-सी दिखाई देना, चक्कर खाकर गिर पड़ना या कई बार बेहोशी आ जाना इत्यादि हैं।
चक्कर आने का घरेलू उपचार
- दो कप पानी में दो लौंगे डालकर पानी को उबालें। फिर इस पानी को ठंडा करके पिएं।
- चार-पांच मुनक्कों को पानी में मथकर पिएं।
- आधा चम्मच तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ चाटने से चक्कर आने बंद हो जाते हैं।
- दो चम्मच सूखा धनिया तथा थोड़ी-सी शक्कर मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को ताजे पानी से खाएं।
- खरबूजे के बीजों को घी में भूनकर खाने से चक्कर आने बंद हो जाते हैं।
- पानी में धनिया के दानों का चूर्ण घोलकर एक कप पानी सुबह और एक कप शाम को पिएं।
- मुनक्का के आठ-दस दानों को तवे पर सेंककर तथा नमक लगाकर खाएं। ऊपर से गुनगुना दूध पिएं।
- दो चुटकी काली मिर्च को एक चम्मच देसी घी में मिलाकर सेवन करें।
- थकान के कारण चक्कर आने पर एक गिलास दूध में एक चम्मच देसी घी तथा थोड़ी-सी पिसी हुई हलदी मिलाकर पिएं।
- कच्चे नारियल को फोड़कर उसका पानी पीने से चक्कर आने खत्म हो जाते हैं।
- चार चम्मच अनार के रस में एक चम्मच नीबू का रस मिलाकर पिलाने से जी मिचलाना तथा चक्कर आना बंद हो जाता है।
- सौंफ़ के चूर्ण में मिसरी मिलाकर खाने से चक्कर आने बंद हो जाते हैं।
- यदि पेट में वायु अधिक बनने के कारण चक्कर आते हैं, तो एक गिलास पानी में एक नीबू निचोड़ कर पिएं।
- गर्मी में आंवले का शरबत चक्कर रोकने के लिए रामबाण औषधि है।
- माथे पर चंदन और हलदी का लेप लगाना चाहिए।
चक्कर आने का आयुर्वेदिक उपचार
- धमासा 10 ग्राम, सोंठ 6 ग्राम, काली मिर्च के दो दानें, पान के पत्ते का आधा टुकड़ा। इन सब चीजों को एक गिलास पानी में उबालकर ठंडा करके या थोड़ा-सा बर्फ डालकर पी जाएँ। यह शरबत चक्करों को तुरन्त रोक देता है।
- आंवला 10 ग्राम, काली मिर्च 3 ग्राम, बताशे 10 ग्राम, नीम की पत्तियां दो। इन सबको कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को फांक कर ऊपर से पानी पी लें।
- नागर बेल के पत्ते में काला नमक एक-एक ग्राम सुबह-शाम रखकर खाने से चक्कर आने खत्म हो जाते हैं।
- गेहूं का आटा 20 ग्राम, घी 40 ग्राम, लाल इलायची दो दाने, गुड़ 40 ग्राम। इन सबमें आटे को भूनकर गुड़ की चाशनी से लड्डू बना लें। यह लड्डू नित्य खाने से हर प्रकार के चक्कर आने खत्म हो जाते हैं।
- दूध 400 ग्राम या आधा लीटर, लौंग 5 नग, देसी घी 25 ग्राम, मिसरी 5 ग्राम और बादाम 4 नग। इन सबमें सबसे पहले बादामों को थोड़ी देर तक पानी में भिगोने के बाद छील लें। फिर सब चीज़ों को पीसकर चटनी बना लें। इस चटनी को पानी में घोलकर शरबत की तरह पी जाएं। यह चक्करों को दूर करने के लिए बहुत अच्छा योग है।
- सूत शेखर रस (साधारण) 1 गोली तीन बार जल से लें।
- योगेन्द्र रस 120 मि. ग्राम सुबह शाम ख़मीरा गाजवां जवाहरी वाला के साथ आधा चम्मच लें। ऊपर से दूध पी लें। यह शिरोभ्रम के लिए अति उत्तम औषधि है।
- 10 ग्राम सोंठ को 20 ग्राम देसी घी में मिलाकर भून लें। फिर इसमें थोड़ी-सी शक्कर मिलाकर दिन भर में तीन बार इसका सेवन करें।
- भुना हुआ सफेद जीरा 100 ग्राम, पिसी हुई सोंठ 50 ग्राम, काला नमक 50 ग्राम, काली मिर्च 50 ग्राम, नीबू का सत 50 ग्राम तथा पिपरमेंट 2 ग्राम। पिपरमेंट तथा नीबू का सत अलग रखकर शेष सभी को पीस लें। नीबू के सत के चूर्ण में सब चीजें अच्छी तरह मिला लें। अंत में पिपरमेंट को खरल करके सब चीजों में अच्छी तरह मिला लें। इस चूर्ण को कांच की शीशी में भर कर रख लें। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण सुबह-शाम सेवन करें। यह अग्निवर्द्धक तथा पेट की वायु को दूर करने वाला चूर्ण है। इससे सिर में चक्कर आना बहुत जल्दी दूर हो जाते हैं।
- मुचुकुंद के फूलों को पीसकर माथे पर लेप करने से सिर का दर्द व चक्कर आने बंद हो जाते हैं।