डिलीवरी के बाद कमजोरी आदि के कारण सिर के बाल झड़ने लगें तो लक्षणानुसार निम्नलिखित होम्योपैथिक औषधियों का प्रयोग करना चाहिए :-
सीपिया 30, 200 – यदि ऋतुस्राव बन्द होने के कारण केश झड़ते हों तो इसकृा प्रयोग करें।
कैल्केरिया-कार्ब 30, 200 – सिर के बालों की जड़ों में दुखन, सिर में रूसी, सिर में सर्दी लगने के कारण बार-बार खाँसी जुकाम की शिकायत तथा कनपटी के बाल झड़ना-इन सब लक्षणों में लाभकर है ।
सल्फर 30, 200 – खोपड़ी की त्वचा का स्पर्श करने पर उसमें दर्द होना, बालों की खुश्की, सिर में अत्यधिक खुजली-जो रात के समय बढ़ जाती हो तथा गर्दन की ग्रन्थि की सूजन – प्रसव के बाद इन लक्षणों के साथ बाल झड़ने पर इसे दें।
लाइकोपोडियम 30 – सिर के बालों का झड़ना तथा अन्य अंगों के बालों में वृद्धि होना-इस विचित्र लक्षण में इसका प्रयोग करें ।
ग्रैफाइटिस 30, 200 – सिर के बालों का झड़ना, जल्दी सफेद हो जाना तथा सिर पर दुर्गन्धित पसीना आना, जिसके स्पर्श से कपड़ा पीला पड़ जाता हो – इन लक्षणों में हितकर हैं ।
मर्क-सोल 3, 6, 30 – कनपटियों के बाल झड़ना, सिर पर पसीना आना तथा रात के समय खुजली मचना-इन लक्षणों में दें ।
फास्फोरस 30, 200 – सिर या कनपटी के ऊपरी भाग से गुच्छे के रूप में बालों का झड़ना, खोपड़ी में खुश्की तथा अत्यधिक गर्मी एवं खोपड़ी से छिछड़े (रूसी) झड़ना – इन लक्षणों में हितकर हैं ।
लैकेसिस 30 – सिर के बालों का स्पर्श न कर पाना, सूर्य की गर्मी सहन न होना तथा बाल झड़ना-इन लक्षणों में दें।
नाइट्रिक-एसिड 6 – नर्वस सिर-दर्द के साथ अत्यधिक कमजोरी का अनुभव, शरीर का क्षीण होते जाना तथा प्रसव के बाद सिर के बाल झड़ना-इन लक्षणों में प्रयोग करें ।
नेट्रम-म्यूर 30, 200 – सिर को छूते ही बालों का झड़ने लगना एवं प्रसवोपरान्त सिर के सामने वाले भाग के बालों का झड़ना – इन लक्षणों में लाभकर है ।
विशेष – उक्त औषधियों के अतिरिक्त लक्षणानुसार चायना 6, फास्फोरिक एसिड 6 अथवा आर्सेनिक 6 – देने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।