[ साग-सब्जी से बनती है। ] – नाक, नाक की हड्डी और नाक की श्लेष्मिक-झिल्ली पर इसकी प्रधान क्रिया होती है। नाक के भीतर अर्बुद, नाक की हड्डी फूलना, नाक से अधिक परिमाण में पीब-शुदा श्लेष्मा निकलना, नाक से सड़ी गन्ध आना, नाक के भीतर की श्लेष्मिक-झिल्ली की अधिक सूजन के कारण श्वास-पथ बन्द हो जाना इत्यादि में लेम्ना माइनर अन्य दवाओं की अपेक्षा लाभदायक है।
सुबह उठने पर मुंह से बहुत गन्ध आना, कण्ठ और स्वरनली सूखा रहना, आवाज के साथ दस्त होना जैसे लक्षण में लेम्ना माइनर का प्रयोग कर देखें।
ऑरम, सैंगुनेरिया नाइट्रेट, ऐसाफिटिडा इत्यादि दवाओं से फायदा होने पर – इसकी परीक्षा करें।
क्रम – 3 से 30 शक्ति।