किसी रोग के संग किसी अंग में बड़े-बड़े ग्लैंड रहने पर इससे फायदा होगा। छाती के ट्यूमर की यह उत्कृष्ट औषधि है। कान में एक्जिमा, योनि में प्रुराइटिस, नाक, आँख, गाल, सामने के सिर, पलकों व होंठों में एक प्रकार का गतिशील ट्युबरकुलर ( lupoid ) घाव होना, सूजन, लिवर को दबाने से दर्द होना, नाभि के नीचे शूल का दर्द, दर्द के साथ औरनिकल पड़नेवाली प्रकृतिशुदा रक्तस्रावी अर्श, छाती के दुसरे पंजरे के नीचे जहाँ पर श्वासनली ( ट्रेकिया ) दो भागों में बटी है वहां दर्द होना, गंडमाला-संबंधी रोगी का दमा, सवेरे भोजन के पहले व बाद में बहुत औंघाई आना जैसे कई लक्षण में Scrophularia nodosa से लाभ होता है।
खड़े होने पर सिर में घुमरी होना, माथे से लेकर सिर के पिछले भाग तक दर्द, तंद्रालुता। कानों के पीछे व चारों ओर एक्जिमा, कान के बाहरी पर्दे के आसपास प्रदाह। आँखों के सामने धब्बे, भौंह में चुभन, दर्द वाला आलोकांतक। छाती में दबाव के साथ कम्पन।
श्वास लेने में अत्यधिक कष्ट, कंठमालाग्रस्त रोगियों को आक्रांत करने वाला दमा। उदर को दबाने पर यकृत में दर्द और मलान्त्र में दर्द। हाथ के पीछे की ओर अधिक चुभन व खुजली। अत्यधिक निंद्रा के साथ थकान, सुबह भोजन करने से पहले जम्हाई आना।
सम्बन्ध – रुटा, कार्सिनोसिन, कोनियम, लोबेलिया एरिनस से तुलना किया जाता है।
मात्रा – मूलार्क, 1 शक्ति।