दैनिक जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हमारे दिल की धड़कन अचानक बढ़ जाती है, यह कोई आम बात नहीं है। मेडिकल भाषा में इसे tachycardia (टैकीकार्डिया) कहते हैं। मानव के हृदय में दो तरह के node होते हैं:- SA Node और AV Node, दोनों हमारे दिल को को धड़कने में मदद करते हैं, मतलब इन्ही दोनों की वजह से हमारा दिल धड़कता है। एक तरीके से ये दोनों हमारे दिल के करेंट सप्लायर है। जैसे किसी मशीन को चलने के लिए उसके wires को स्विच में लगाने से वह मशीन चालू हो जाती है कुछ ऐसा ही काम SA Node और AV Node करते हैं। हम इसे हार्ट का इलेक्ट्रिक सिस्टम भी कह सकते हैं।
नॉर्मल हार्ट रेट 60-90 बीट्स प्रति मिनट होती है। अगर हार्ट रेट बढ़कर 100 -150 बीट्स प्रति मिनट से ज्यादा हो जाती है, तो इस स्थिति को टैकीकार्डिया (tachycardia) कहते हैं। किसी वजह से हृदय की धड़कन तेज हो जाये जो बाद में सामान्य हो जाये तो उसे tachycardia नहीं कहा जाएगा पर अगर ये समस्या काफी समय से है या कुछ समय तक बना रहता है तो यह एक गंभीर समस्या है और इसे हम tachycardia कहते हैं।
Tachycardia ( टैकीकार्डिया ) होने के कारण क्या हैं?
आमतौर पर देखें तो Tachycardia के बहुत से कारण हो सकते हैं इसमें जो मुख्य हैं और अक्सर लोगों में देखे जाते हैं वो निम्नलिखित हैं :-
- घबराहट में
- डर में
- Exercise के दौरान व उसके बाद
- शराब पीने से
- कॉफी का सेवन ज्यादा करने से
- अफीम के सेवन से
- बुखार में
- शरीर में शुगर की कमी के कारण
- खून की कमी के कारण
- कोई दुर्घटना होने पर
- Hyperthyroidism में
- शरीर में ऑक्सीजन या हीमोग्लोबिन की कमी से
- दिल की बीमारियों में
- शरीर के किसी हिस्से में दर्द होने पर
- इस कारणों से दिल की धड़कन तेज हो जाती है जो की 100 -150 बीट्स तक जा सकती है, और कई बार यह खतरनाक भी हो जाता है।
Tachycardia के लक्षण क्या हैं?
Tachycardia के आम लक्षणों में हार्ट बीट्स बढ़ना सबसे आम लक्षण है, इसके लावा घबराहट होना, तनाव होना, दिल का धड़कना महसूस हो, मतलब हार्ट बीट सुनाई दे तो समझे की आपको Tachycardia की समस्या है।
Homeopathy में Tachycardia की समस्या के रोकथाम की दवाइयां व इस्तेमाल करने के तरीके
Card Aid Drops :- यह Tachycardia के लिए Homeopathic में सबसे असरदार दवाइयों में से एक हैं।
इसमें Cactus grandiflorus, Crataegus oxyacantha, strophanthus hispidus, Convallaria majalis, Valeriana officinalis, Aurum muriaticum natronatum 4x and camphora 2x मिला होता है। ये सभी Ingredients दिल से जुड़ी समस्याओं के लिए कारगर होती हैं, ये दिल को मजबूत करती है।
लेने की विधि :- अगर आपको काफी दिनों से ये समस्या है, तो एक-चौथाई कप पानी में 20-25 बून्द Card Aid Drops के डालकर दिन में 3 से 4 बार इसको पीना है। एक से दो महीने में Tachycardia पूरी तरह ठीक हो जायेगा। अगर आपको अभी-अभी Tachycardia हुआ है तो एक-चौथाई कप पानी में लगभग 10-15 बून्द डाल कर हर एक घंटे पर पीना है और Tachycardia की समस्या ठीक हो जाएगी।
Aconitum napellus 30CH + Rescue Remedy :- इन दोनों ही दवाइयों का इस्तेमाल अचानक डर जाने पर, बहुत चिंतित होने पर, बहुत ज्यादा अवसाद होने पर और साथ ही आपको Tachycardia भी है तो ये दोनों दवाई एक साथ लेने पर आपकी ये सभी समस्या ठीक हो जाएगी।
विधि :- दो बून्द Aconitum napellus 30CH की और दो बून्द Rescue Remedy की मिला कर दिन में तीन बार पीना है। ये दवाई न सिर्फ Tachycardia के लिए बल्कि डर के लिए, अवसाद के लिए, चिंता के लिए भी बहुत अच्छी है। ये दवाई तुरंत असर करती है। इसका इस्तेमाल बच्चे और बड़े होने के लिए लाभदायक है। अगर अचानक डर जाये, घबरा जाये या हार्ट बीट अचानक बढ़ जाये तो इसे 15-15 मिनट पर 2 से 3 बार ले ले।
Digitalis 30CH :- ये दवाई Tachycardia की समस्या के लिए बहुत कारगर है। इसका इस्तेमाल Homeopathic, Ayurveda और Allopathic तीनो में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
विधि :- अगर आपके दिल के धड़कन की गति असमान्य है, कभी ज्यादा कभी कम है तो आप Digitalis 30 CH का प्रयोग रोज सुबह करे। रोज सुबह इसकी 2 बून्द का इस्तेमाल करने से कुछ महीनों में हार्ट बीट्स नार्मल हो जाएगी।