इस पोस्ट में हम अजीर्ण, बदहजमी, खाना हज़म नहीं होने की होम्योपैथिक दवा की चर्चा करेंगे। होमियोपैथी में बदहजमी की सभी दवा और उसके लक्षण को यहाँ बताया गया है। आप अपने लक्षण का मिलान करने बताया गया दवा का सेवन कर सकते हैं।
Acid Flour 30 – पेट फूलना, पेट में दर्द, अधिक प्यास, ठंडी चीज़े पीने की इच्छा, खाने-पीने की थोड़ी सी गड़बड़ी होने से ही बीमारी हो जाती है । पित्त की कै, जोरों की डकार, वायु छूटना जैसे लक्षण दीखता हैं। ऐसे लक्षण में एसिड फ्लोर 30 की 2 बून्द दिन में 3 बार जीभ पर लेना है।
Abies nigra 30 – अत्यधिक चाय पीना व तम्बाकू खाने की वजह से डिस्पेप्सिया, खाई हुई चीज़ पेट में गोले की तरह बन कर अटकी रहती है, खाने के बाद पेट में दर्द होता है। ऐसे लक्षण में एबिस नाइग्रा 30 की 2 बून्द दिन में 3 बार जीभ पर लेना है।
Alnus glutinosa Q – मछली, मांस, दाल जैसी प्रोटीन-फूड हज़म नहीं होना, गैस्ट्रिक जूस नहीं निकलना, इस कारण डिस्पेप्सिया में लाभ देता है । ऐसे लक्षण में Alnus glutinosa Q का सेवन करें।
Carbo animalis 30 – शिशु जितने दिनों तक स्तनपान करता है, प्रसूति को उतने दिनों तक बदहजमी होती रहती है। ऐसे लक्षण में Carbo animalis 30 की 2 बून्द दिन में 3 बार जीभ पर लेना है।
Bellis perennis 30 – ठण्डे द्रव्य – बर्फ आदि पीकर पाकस्थली में समस्या होना, गर्म से आकर अचानक ठंडी चीज़े पीने के कारण उत्पन्न कुफल, गरम से आकर अचानक ठण्ड लग कर रोग में भी Bellis perennis लाभप्रद है।
Elaps Corallinus 30 – फल या ठण्डी चीज़े खाना-पीना नहीं सहाता, थोड़ी ठण्ड लगते ही सर्दी हो जाती है।
Carica Papaya Q – कुछ न खाने पर दुर्बल हो जाता है, किन्तु खाने से भी हजम नहीं होता, खाने से ही पेट में दर्द और कै, जो कुछ खाता है वह कै हो जाता है, स्वादहीन डकार उठना । ऐसे लक्षण में Carica Papaya Q का सेवन करें।
China 30 – फल नहीं पचता, आहार के बाद छाती में दर्द, छाती के मध्यस्थल में गोले की तरह एक प्रकार का उठता है।
Cyclamen 30 – भूख नहीं लगती, थोड़ा सा खाने से ही पेट फूलता है, खाना देखने से ही मिचली आने लगना। घी-रोटी का तो नाम ही नहीं ले सकता, खाने से भी हज़म नहीं होते, जो कुछ खाता है नमकीन लगता है।
Fel tauri 30 – हाजमा खराब हो जाना, पेट में गड़गड़ शब्द होना, उदरामय, डकार आना, आहार के बाद औंधाई आता है।
Ferrum Iod 30 – खाने से ही पेट फूलता है, खाई हुई वस्तु गले में उठ आती है।
Graphites 30 – कोई चीज़ ही अच्छी नहीं लगती, निगलने पर कै आने लगती है, पेट में वायु जमना, पेट में मरोड़, पेट में जलन होती है. शूल का दर्द होता है, गले में ढेले की तरह मालूम होता है ।
Hepar sulphur 30 – खाना हजम नहीं होता, मुख में खट्टा स्वाद, पेट में दर्द जोकि खाना खाने पर घट जाता है।
Hydrastis Can Q – कभी कब्ज़, कभी उदरामय, पेट फूलता है, बदबूदार व खट्टी डकार, मल में आँव रहता है। ऐसे लक्षण में Hydrastis Can Q का सेवन करें।
Kreosotum 30 – खाद्य का हज़म न होना, पेट में भी नहीं रहता कै हो जाता है, खाना के बहुत देर बाद कै होना, बहुत पहले की खाई हुई वस्तु का कै होना, गर्भावस्था कै, बच्चों की कै में उपयोगी दवा है।
Kali bich 30 – खट्टी कै, पित्त और श्लेष्मा मिला हुआ, तार की तरह, पेट फूलाना, कब्ज़, प्रातःकालीन उदरामय, पाकस्थली में दर्द होकर कै होना, एक निश्चित समय पर पेट भारी होना। ऐसे लक्षण में Kali bich 30 का सेवन करें।
Nux moschata 30 – खाना खाने के ठीक बाद ही पेट दर्द मालूम होना, पेट फूलना।
Lachesis 30 – नशेबाज, जिन्होंने अति मात्रा में कुनैन का सेवन किया है, जिनके शरीर में पारा-विष मोजूद है ; जिनके बदहजमी की बीमारी में आहार के बाद ही पेट फूल उठता है, पेट का दर्द खाना खाने के बाद ही दूर हो जाता है; किन्तु थोड़ी देर बाद फिर से बढ़ जाता है, खट्टी चीज़े नहीं सहाती।
Lycopodium 30 – पेट फूला, खट्टी डकार, पेट में जलन। पुराना भार्जीय रोग-नसत सहज में हज़म नहीं होता, तरल चीज़े पीने के अलावा अन्य चीजों का आहार करने से पेट में दर्द होता है, पेट फूलता है, कै होती है, डकार पूरी नहीं आता, गले तक उठता है, पेट में जलन होती है, मुख में पानी भर जाता है ।
Magnesia carb 30 – आटा, मैदा, आलू जैसी स्टार्चमय पदार्थ बिल्कुल नहीं पचता, पेट में वायु एकत्रित होना, खट्टी डकार आना, छाती जलती है, बदहजमी होना, मुख खट्टा होना, दूध नहीं पचता, अंदर में गरम अनुभव होता है, किन्तु ठण्ड भी सेहन नहीं होता है।
Natrum Carb 30 – पेट में वायु एकत्रित होना, पेट फूलता है, पेट में ऐंठन, पेट कड़ा हुआ रहता है, बदबूदार वायु निकलना, शाक-सब्जी व स्टार्चमय पदार्थ बिल्कुल नहीं पचता, मुख में पानी भर आना, मिचली आना, बदहजमी होना, कभी कब्ज और कभी अतिसार ।
Ferrum picricum 30 – पेट फूलना और छाती के ऊपरी माग में मानो दबाब मालूम पड़ना, इसके साथ वायु निकलना और जम्हाई आना, हृदय की प्रबल गति के साथ सिर दर्द, सिर चकराना, मिचली, पित्त की कै, कै होने पर आराम, जीभ सूखी, आँखों के कोनों में काला दाग।
Nux Vomica 30 – खाना हजम न होकर पेट दर्द करना, रोगी बेचैन होता है। उसके साथ कब्ज़, थोड़ा-थोड़ा पाखाना होना, कुछ खाने पर पेट में मरोड़ होकर कै होती है; कै खट्टी या तीती, औकाई आना, मुख में पानी भर आना, गले में अंगुली डालकर कै करने को चेष्टा करता है।
Pulsatilla 30 – दलपीठा, खीर, मिठाईयां इत्यादि देर से पचनेवाली चीजों को खा कर रोग की उत्पत्ति। बहुत पहले की खाई हुई की कै होना, शलेष्मा और पित्त की कै, पेट में तनावपूर्ण दर्द, पेट फूलाना, छाती में जलन; मुख में पानी भर आना, डकार आना, उसमें खाई वस्तु का स्वाद आना, मुख में पित्त का स्वाद मिलना, पेट गड़गड़ कर वायु निकलना।
Sepia 30 – मुख में खट्टा या तीता स्वाद, खट्टी चीजें खाने की इच्छा, पेट फूलना, कब्ज, खाद्य की गन्ध से मिचली आना, गरम दूध नहीं पचता, पेट भारी होता है।
Sulphur 30 – दूध, आलू, मैदा, आटा प्रभृति स्टार्चमय आहार से अजीर्ण की उत्पत्ति । मुख का स्वाद खट्टा व तीता। जोरों की भूख, किन्तु 1-2 कौर खाते ही मालूम पड़ता है मानो पेट भर गया है। सवेरे 10 से 11 बजे तक के समय में पेट खाली मालूम पड़ना, पेट गुड़गुडाना, डकार आती है। पेट में दर्द होता है – वायु निकलने पर उसमे सड़े अरंडे की तरह बदबू रहती है।
Natrum Sulph 30 – पेट में वायु एकत्रित होना, पेट फूलना, छाती जलती है, पित्त की गड़बड़ी अथवा वर्षो में पेट में वायु जमकर रोग होना।
Epiphegus 30 – जीभ पर पीली मैल, तीता स्वाद, आहार के बाद औघाई का दौरा, पतला पाखाना, चटपटा लार, निरंतर मुख में थूक जमते रहना।
Populus Tremuloides 30 – पेट की गड़बड़ी, बदहजमी, पेट फूलना, acidity, मिचली में उपयोगी दवा।