जब कोई स्त्री गर्भवती हो और यदि उसका गर्भ-काल पूरा होने से पहले केवल दो माह के पश्चात् गर्भ नष्ट हो जाये तो उसे गर्भस्राव कहते हैं । यदि इससे अधिक समय के पश्चात् गर्भ नष्ट हो जाये तो उसे गर्भपात कहते हैं । यह स्थिति चोट लग जाने, अधिक परिश्रम, पौष्टिक भोजन का अभाव, अधिक भोग आदि कारणों से उत्पन्न होती है ।
चिकित्सा जगत में ऐसी कोई दवा नहीं है जो कि गर्भस्राव या गर्भपात हो जाने के बाद में उस नष्ट हुये गर्भ को फिर से पुनस्र्थापित कर दे । दवाओं के द्वारा तो गर्भस्राव या गर्भपात होने से पहले उसकी आशंका होने पर उस आशंका को ही दूर किया जा सकता है ।
वाईबर्नम Q- गर्भ के आरंभ में ही गर्भस्राव की आशंका होने पर दें।
सैबाइना 30- पहले तीन महीनों में गर्भस्राव की आशंका होने पर दें।
बेलाडोना 30- तीसरे महीने के गर्भ के नष्ट होने की आशंका में दें ।
सिकेलि कॉर 30- तीसरे महीने या उसके बाद के महीनों में गर्भपात की आशंका होने पर दें ।
सोपिया 30– पाँचवें या सातवें महीने के गर्भ के नष्ट होने की आशंका में यह दवा दें ।