अल्स्टोनिया स्कोलैरिस होम्योपैथिक दवा का उपयोग
छत्रक या खुमीकी जाति का एक खास तरह का वृक्ष – यह मलेरिया से उत्पन्न धीमा बुखार, रक्तहीनता, कमजोरी, अतिसार, अजीर्ण, इत्यादि की उपयोगी दवा है।
रक्तामाशय और अतिसार – पेट में मरोड़ के दर्द के साथ बहुत अधिक पतला दर्द आना, भोजन समाप्त होते न होते पाखाना लग जाना, खाई हुई चीज़ बहुत दिनों तक बिना पची अवस्था में पाकस्थली में पड़ी रहना। पेडू में गर्मी और उत्तेजना, आमाशय में खून मिले दस्त, मलेरिया से उत्पन्न बिना दर्द वाले अतिसार और दूषित पानी वगैरह पीने के कारण होने वाले अतिसार में यह बहुत फायदेमंद हैं। एपिडेमिक कॉलेरा में – एकोनाइट इत्यादि के बाद केवल अतिसार रहने पर इससे फायदा होगा।
टाइफाइड वगैरह ताकत घटा देने वाला बुखार या अन्य कोई कड़ी बीमारी भोगने के बाद लोग इसे बलकारक औषधि के रूप में लेते हैं। प्रसव से बाद संतान को दूध पिलाने या अतिसार, आमाशय इत्यादि रोग भोगने की वजह से स्वाश्य बिगड़ जाने और कमजोर हो जाने की अल्सटोनिया एक प्रधान दवा है। इसके बाहरी प्रयोग से घाव में आराम होता है।
क्रम – Q, 30 शक्ति।