[ आयोडाइड ऑफ बैराइटा ] – इस औषधि की क्रिया श्लेष्मा प्रवण और रस-प्रधान धातु में अधिक प्रगट होती है। निग्न तालुमूल (Submaxillary) की गांठ फूलना, अर्बुद की तरह कड़ा हो जाना, अण्डकोष की बहुत दिनों की पुरानी सूजन और कड़ापन, उमर बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक विकास न होना इत्यादि इसके विशेष लक्षण है। आंख दुखना, आंख आ जाना साथ ही गर्दन की ग्रन्थियां फूल जाना में बैराइटा आयोडेटा लाभ करती है।
सम्बन्ध – तुलना कीजिए : एकोनाइट, लाइकोटोनम, लेपिस, कॉनियम, मर्क्यूआयोड, कार्बो-ऐनि।
मात्रा – 2 और 3 शक्ति का विचूर्ण।