जो ज्वर सदीं लगने के कारण आता है, उसे ही सदी का ज्वर कहते हैं । यह ज्वर प्रायः वर्षा या पानी में भीग जाने अथवा ठण्ड लग जाने के कारण होता है। इसमें ठण्ड महसूस होते रहना, शरीर में दर्द, आवाज बैठ जाना, ऑख-नाक से पानी बहना, घबराहट, बेचैनी, सिर-दर्द आदि लक्षण प्रकट होते हैं ।
कैम्फर Q- रोग की प्रथमावस्था में इसे देने से तुरन्त लाभ होता है ।
एकोनाइट 3x, 30- रोग की प्रथमावस्था, बेचैनी, प्यास, ज्वर रहना आदि लक्षणों में अत्यन्त लाभप्रद हैं ।
एलियम सिपा 30– रोगी की आँख-नाक से पानी बहने लगे तो केवल इसी लक्षण के आधार पर इस दवा को दे देना चाहिये, लाभ होगा ।
इपिकाक 3x, 30- मिचली या वमन की शिकायत के साथ ज्वर आने पर इस दवा का सेवन करना चाहिये ।
रसटॉक्स 30- वरसात में भीग जाने या ठण्डी हवा लग जाने के कारण आने वाले ज्वर में इस दवा का सेवन करना चाहिये ।
डल्कामारा 30– नमी में रहने या नम हवा लग जाने के कारण आने वाले ज्वर में इस दवा को देना चाहिये ।