नियमित रूप से दाँत साफ न करने, दाँतों में भोजन के कण फंस जाने, कोई कड़ी वस्तु खाने या चबाने तथा खट्टी या मीठी अथवा चटपटी वस्तुओं के सेवन के कारण दाँत या मसूढ़ों में दर्द, मसूढ़ों में सूजन अथवा घाव या मवाद पड़कर दर्द शुरू हो जाता है ।
इस पोस्ट में दाँत दर्द या दाँत में कीड़े पड़ जाने का अंग्रेजी दवा बताया गया है।
दांत में कीड़े पड़ने का एलोपैथिक दवा
कैल्शिन्डन इन्जेक्टेबिल (इण्डो फार्मा) – 1-2 मि.ली. सप्ताह में 2-3 बार मांसपेशी में लगाना अतीव उपयोगी है ।
डाई-कैल्सिन्डन डी टैबलेट (इण्डो फार्मा) – 4 से 8 गोलियाँ नित्य वयस्को को और शिशु एवं बच्चों को 1-3 टैबलेट नित्य ।
ओस्टो कैल्शियम विद विटामिन ए, डी. (ग्लैक्सो) – 4 से 8 गोलियाँ नित्य वयस्को को और शिशु एवं बच्चों को 1-3 टैबलेट नित्य ।
रिडाक्शन (रोश कंपनी) – विटामिन सी की टिकिया । 100 से 500 मि.ग्रा. 1-3 बार।
नोट – यदि कृमि के कारण दर्द अधिक हो तो दाँत निकलवा देना चाहिए ।
डोलोजेल (ग्रुप कम्पनी) – यह एनालजेसिक तथा एंटीसेप्टिक जेल है जो 15 मि.ली. की शीशी में बाजार में उपलब्ध है। दाँत दर्द तथा मसूढ़ों के दर्द में अत्यन्त उपयोगी है । रुई से दाँत के गड्ढे में भरें ।
दांत दर्द का एलोपैथिक दवा
नोवालजीन (हैक्स्ट कंपनी) – 2 मि.ली. इन्जेक्शन माँस या शिरा में लगायें ।
टेरामायसिन (फाईजर कंपनी) – 250 मि.ग्रा. 1-2 बार माँस में इन्जेक्शन लगायें। बच्चों में आयु के अनुसार प्रयोग करें ।
कोडोपायरिन (ग्लैक्सो कंपनी ) – 1-2 टैबलेट 3 बार प्रतिदिन दे ।
आप्टालिडोन (सैण्डोज कंपनी) – 1-2 टैबलेट 3 बार प्रतिदिन दें ।
क्रोसिन (डूफार कंपनी) – 1-2 टैबलेट, 2-3 बार सेवन करायें ।
मेड्रीबोन (रोश कंपनी) – प्रथम दिन एक टैबलेट 2 बार, बाद में नित्य एक गोली ।
क्रोसिन सीरप (डूफार) – 1 वर्ष तक आयु के बच्चों को आधा चम्मच, 3-4 बार। तीन से छ: वर्ष की आयु के बच्चों को एक चम्मच 3-4 बार तथा 6 से 12 वर्ष के बच्चों की दो चम्मच 3-4 बार सेवन करायें ।
पाइरेट सीरप (मेप्रालैबस कंपनी) – 1 वर्ष तक आयु के बच्चों को आधा चम्मच, 3-4 बार। तीन से छ: वर्ष की आयु के बच्चों को एक चम्मच 3-4 बार तथा 6 से 12 वर्ष के बच्चों की दो चम्मच 3-4 बार सेवन करायें ।
पाइरीजेसिक (ईस्ट इण्डिया) – 1 वर्ष तक आयु के बच्चों को आधा चम्मच, 3-4 बार। तीन से छ: वर्ष की आयु के बच्चों को एक चम्मच 3-4 बार तथा 6 से 12 वर्ष के बच्चों की दो चम्मच 3-4 बार सेवन करायें ।
नोट – क्रोसिन सीरप, पाइरेट सीरप तथा पाइरीजेसिक सीरप बच्चों के ज्वरों में भी अतीव उपयोगी पेय है ।
ओरियोसेप्टोल (ओरिन्टल ट्रेडिंग) – रुई की फुरैरी में लगाकर दर्द वाले दाँत के समीप रखें ।
नोट – यह औषधि पायोरिया तथा दन्त कृमि में दाँतों के गड्ढे में भी रख सकते हैं।
डेन्टक्यूर (यू. डी. एच. कम्पनी) – प्रयोग विधि तथा लाभ उपर्युक्त औषधि के अनुसार ।
सेलिन (ग्लैक्सो) – 2 से 5 मि.ली. नस या माँस में । (रिडक्शन के समान)