बहुत तेज़ बुखार के साथ गला कुछ लाल हो जाता है तथा गले की तरफ नाक की गाँठे फूल जाती हैं और दर्द होता है । प्लीहा और यकृत में भी वृद्रि हो जाती है। क्षुधा-नाश हो जाता है। यह रोग बच्चों को ज्यादा होता है परन्तु किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकता है ।
कल्केरिया कार्ब 30– जिन बच्चों की हड्डियाँ कोमल हों, चेहरा मोटा ताजा व थुलथुला हो, चेहरे पर शीघ्र पसीना आ जाता हो उनकी बीमारी में यह दवा उत्तम काम करती है ।
बेलाडोना 30- गाँठों पर जब लाली व सूजन हो, ज्वर के कारण ऑखमुँह भी लाल हों तब इस दवा का प्रयोग करना चाहिये ।
हिपर सल्फर 30- यदि गाँठों में मवाद पड़ जाये तो इस दवा का प्रयोग करने से लाभ होता है ।
सिलिका 6– गाँठों से जब मवाद निकल जाये तो इसका प्रयोग करें ।
बैराइटा कार्ब 6, 30- गाँठे जब हटना ही न चाहती हों तब इस दवा का प्रयोग लाभप्रद है ।