पेट में दर्द बासी भोजन ग्रहण करने, अधिक मात्रा में खाने, वायु रुकने, गरिष्ट भोजन करने, पेट में कीड़े होने, पुरानी कब्ज़ आदि के कारण हो जाता है ।
इलाज़ – (1 ) त्रिफला, त्रिकुटा, शुद्ध कुचला, शुद्ध गन्धक, सेंधा नमक – सबकी मात्रा पाँच पाँच ग्राम लेकर पीस लें । इसमें दो ग्राम हीरा हींग मिला लें। एक गोली प्रातः भोजन से पूर्व गरम जल के साथ सेवन करें। इससे पेट का दर्द, संग्रहणी, अतिसार, अजीर्ण, मन्दाग्नि आदि रोग चले जाते हैं।
(2 ) त्रिफला, त्रिकुटा, सेंधा नमक, जीरा, अजवायन, चित्रकमूल – सभी दस दस ग्राम लें। इनके कूट – पीसकर नीम्बू के रस में मिला लें। इससे उदरशूल तथा पेट सम्बन्धी विकार दूर हो जाते हैं।