इस लेख में हम अल्जाइमर रोग को ठीक करने की कुछ मुख्य होम्योपैथिक दवा की चर्चा करेंगे।
अल्जाइमर बीमारी पौढ़ावस्था और वृद्धावस्था में होने वाला एक ऐसा गंभीर बीमारी है जिसमे रोगी की स्मरण शक्ति एकदम कमजोर हो जाती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे -वैसे यह बीमारी भी बढ़ते जाती है। इसके अलावा रोगी की सोचने-समझने की शक्ति, भाषा और व्यवहार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
अल्जाइमर होने के कारण
- आमतौर पर मस्तिष्क में असामान्य प्रोटीन के जमा होने से अल्जाइमर की बीमारी होती है। उम्र बढ़ने के साथ मतलब 60-65 वर्ष के होने पर मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती है जिसके कारण मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है और अल्जाइमर की बीमारी हो जाती है।
- कभी-कभी अनुवांशिक मामलों में यह बीमारी 30 से 50 वर्ष की उम्र में हो जाता है। इस अवश्था में होने वाली बीमारी को अर्ली-ऑनसेट अल्जाइमर कहते हैं।
अल्जाइमर के लक्षण
- लोगों के नाम, पता, नंबर भूल जाना
- रोजमर्रा के सामान जैसे-चाभी, पर्स, कपड़े, इधर-उधर रखकर भूल जाना।
- रोज के काम जैसे – कुकिंग करना, रिमोट या मोबाइल चलाने में असमर्थ हो जाना।
- बैंक या डाकघर से रूपए निकलने या जमा करने में गलती कर देना।
- रोगी खाना खाने के बाद भूल जाता है कि उसने खाया या नहीं।
- रोज करने वाला काम जैसे – शर्ट का बटन लगाना, पायजामा की डोरी बांधना भी भूल जाता है।
- एक ही बात को बार-बार पूछना, एक ही काम को बार-बार करना।
- अत्यधिक चिड़चिड़ापन, बेवजह शक करना, अचानक रोने लगना।
- बात करते समय रोगी का सही शब्द, विषय और नाम को ध्यान में नहीं रख सकना।
- रोगी गर्मी में स्वेटर, कोट, गरम कपड़े और जाड़े में पतला कपड़ा पहन लेता है, जिसका उसे कोई होश नहीं रहता।
- कुछ पकाने के लिए रख कर भूल जाना जिससे वह जल जाता है।
अल्जाइमर का होम्योपैथिक दवा
Gingko Q – यह दवा इस बीमारी में स्मरण शक्ति को बढ़ाने में बहुत लाभ पहुंचाता है। तो अल्जाइमर की बीमारी में आपको इस दवा का सेवन करना ही है ताकि स्मरण शक्ति धीरे-धीरे अच्छी होती रहे।
Baryta carb 200 – यह दवा बूढ़े रोगी को सोचने समझने की शक्ति बढ़ाता है। बूढ़े रोगी बच्चे जैसे व्यवहार करने लगते हैं और भूलने की समस्या तो हो ही जाती है तो ऐसे में इस दवा की 2 बून्द रोजाना 1 बार जीभ पर टपकाना है।
Lac caninum 30 – अगर ऐसा लक्षण मिले जिसमे रोगी बाजार से सामान खरीद कर दुकानदार के यहाँ ही छोड़कर चला आता हो, पोस्टकार्ड डालने डाकघर जाता हो परन्तु बिना डाले ही घर लौट आता हो। लिखते समय शब्द छोड़ देता हो तो ऐसे में इस दवा की 2 बून्द दिन में 3 बार जीभ पर लेना है।
Anacardium Q – भूलने की आदत, गाली देना, कसम खाना जैसे लक्षण दीखते हैं। यह दवा भी स्मरण शक्ति को बढ़ाने का काम करती है।
Glonine 30 – इस दवा का लक्षण है कि रोगी सड़कों के नाम, घर का स्थान, घर का रास्ता, गाडी का नंबर इत्यादि भूल जाता है। ऐसे लक्षण मिलने पर इस दवा की 2 बून्द दिन में 2 बार जीभ पर लेना है।
Cannabis indica Q – पूरा वाक्य न कह कर आधे में बातें भूल जाता है। ऐसे लक्षण में इस दवा के मदर टिंचर का इस्तेमाल करना है।
Ailanthus Glandulosa 30 – अगर रोगी तुरंत बोली हुई बात तुरंत भूल जाए तो उन्हें इस दवा का सेवन कराना है।
Oleander 30 – रोगी देर से कोई चीज को पहचानता है। उसको पहचानने में समय लगता है तो ऐसे में इस दवा की 2 बून्द दिन में 3 बार जीभ पर लेना है।
Cenchris contortrix 30 – अपनी साईकिल, अपनी बाइक, अपनी गाड़ी की जगह दुसरे की गाड़ी लेकर चले आना, जैसे लक्षण में दवा की 2 बून्द दिन में 3 बार जीभ पर लेना है।
Lac vaccinum defloratum 30 – शिथिलता के कारण कमजोर याददास्त, दुखी मन, मरने की इच्छा जैसे लक्षण में यह दवा लाभ देती है। ऐसे लक्षण में इस दवा की 2 बून्द दिन में 3 बार जीभ पर लेना है।
अल्जाइमर का कुछ घरेलू उपाय और व्यवस्था
- रोगी की किताब, पेपर, चश्मा, कलम, घड़ी, मोबाइल, कपड़ा को एक निश्चित जगह पर रखना चाहिए।
- रोगी का कमरा खुला और हवादार होना चाहिए। खिड़की से पर्दा हटा देना चाहिए जिससे दिन-रात का पता चलते रहे।
- दीवाल पर बड़े अंकों वाली घडी और कैलेंडर लगा देना चाहिए।
- कमरे में अपने लोगों की फोटो जरूर लगाना चाहिए।
- रोगी की जीवन से जुडी स्मरणीय घटनाओं से सम्बंधित चिन्हों और चित्रों को कमरे में सजा कर रखना चाहिए।
इस लेख में हमने अल्जाइमर रोग के कारण, लक्षण और कुछ मुख्य होम्योपैथिक दवा की चर्चा की है।