विभिन्न प्रकार के सम्वेदन (अनुभूति) होने में लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियाँ लाभ करती हैं :-
विरेट्रम-एल्ब 30 – सिर पर ठण्डक का अनुभव तथा पानी पीते समय ऐसा अनुभव होना जैसे कि वह गले में न उतर रहा हो ।
सल्फर 30 – शरीर के किसी भाग में जलन की अनुभूति तथा प्रात: ग्यारह बजे के समय पेट के धँसने की अनुभूति होना ।
सिकेल कोर 30 – ऐसी जलन की अनुभूति होना, जैसे मिर्चे छिड़क दी गई हों।
आर्सेनिक 30 – ऐसी जलन की अनुभूति, जिसमें सेंक से आराम मिलता हो ।
इग्नेशिया 200 – शरीर के किसी भाग में खालीपन का अनुभव होना ।
ऐनाकार्डियम 6, 30 – शरीर के विभिन्न अंगों में डाट लगी होने अथवा पट्टी कसी होने जैसी अनुभूति ।
कार्बो-एनिमेलिस 3, 30 – शरीर के विभिन्न अंगों में ढीलेपन की अनुभूति।
बैप्टीशिया 30 – ऐसा अनुभव होना, जैसे शरीर टुकड़े-टुकड़े हो गया है अथवा वह एक न होकर दो है । विभाजित व्यक्ति की भ्रान्त-धारणा के कारण बिस्तर को इधर-उधर टटोलने की प्रवृत्ति ।
क्रौकस 30 – पेट अथवा छाती में किसी जीवित वस्तु के हिलने-डुलने की अनुभूति, स्त्रियों में गर्भ की काल्पनिक-अनुभूति ।
बोंरक्स 3x – शरीर में कहीं मकड़ी का जाला पुरा होने जैसी अनुभूति ।
ग्रैफाइटिस 3x – सिर पर मकड़ी का जाला सा लगने की अनुभूति ।
जैन्थोक्साइलम 6 – नर्व में बिजली का झटका लगने जैसी अनुभूति ।
फास्फोरस 30 – पीठ में अथवा दोनों फलकास्थियों के मध्य भाग में जलन की अनुभूति ।
सीपिया 30, 200 – गुदा में किसी गोल वस्तु के अटके होने जैसी अनुभूति ।
कैनेबिस-इण्डिका – सिर के शरीर से अलग हो जाने या शरीर के किसी एक अंग के अन्य अंगों से अलग हो जाने की अनुभूति ।
चेलिडोनियम 3, 6 – शरीर के ऊपर ठण्डी हवा बहने जैसी अनुभूति ।
बेलाडोना 30 – प्रकाश एवं कर्कश या तीव्र शब्द के प्रति असहिष्णुता के लक्षणों में ।
नक्स-वोमिका 30 – प्रत्येक वात के प्रति असहिष्णुता एवं सम्वेदनशीलता के लक्षणों में ।
कैमोमिला 30 – दर्द का सहन न होना तथा अत्यधिक चिड़चिड़ेपन के लक्षणों में।
इग्नेशिया 30, 200 – नर्वसपन एवं हिस्टीरिया जैसी असहिष्णुता में।