Homeopathic Treatment For Obstructive Sleep Apnea
स्लीप एपनिया एक सामान्य नींद की समाया है जिसमें व्यक्ति की सांसें नींद के दौरान बार-बार रुकती है। लक्षणों में तेज खर्राटे लेना और बेचैन करने वाली नींद शामिल रहते हैं।
स्लीप एपनिया कई प्रकार के होते हैं, लेकिन सबसे आम है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया। इससे नींद के दौरान सांस बार-बार रुकने लगती है। इस प्रकार का एप्निया तब होता है जब नींद के दौरान गले की मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं और वायुमार्ग को अवरुद्ध कर देती हैं। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का एक साफ़ लक्षण खर्राटे लेना है।
लगभग 5 में से 1 व्यक्ति में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के हल्के लक्षण होते हैं, जबकि 20 में से 1 में मध्यम से लेकर गंभीर लक्षण होते हैं। रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का खतरा बढ़ जाता है।
स्लीप एपनिया 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिक होता है, यह बच्चों सहित सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
स्लीप एपनिया सबसे आम लेकिन गंभीर बीमारियों में से एक है जिसमें सांस रुक-रुक कर शुरू होती है। यह समस्या महिलाओं की तुलना में पुरुषों में होने की संभावना अधिक होती है।
इसमें सोते-सोते सांस अचानक रुक जाती है और यह कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक रह सकती है। स्लीप एपनिया के लक्षण में आप पाएंगे कि :-
ज्यादातर समय जोर से खर्राटे आएंगे ; सोते समय अचानक सांस रुक जायेगा, या सांस लेने में कठिनाई आएगी ; दिन के समय बहुत थकान महसूस होगा ; मन किन्द्रित करने में समस्या आएगी
दो प्रकार का स्लीप एपनिया आपको देखने को मिलेगा ; पहला, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, जहां गले की मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं। यह स्लीप एपनिया का सबसे आम प्रकार है।
दूसरा, सेंट्रल स्लीप एपनिया: जहां मस्तिष्क श्वसन मांसपेशियों को सांस लेने के संकेत नहीं भेजता है।
मोटे लोग, जिन लोगों की गर्दन का घेरा अधिक मोटा होता है, शराब पीने वालों, धूम्रपान करने वालों, मधुमेह या उच्च रक्तचाप वाले लोगों को इसमें अधिक खतरा रहता है।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षणों में शामिल हैं:-
- दिन में बहुत नींद आना
- जोर से खर्राटे लेना
- नींद के दौरान सांस रुकने की समस्या
- दम घुटने के साथ अचानक नींद खुल जाना
- गले में खराश के साथ नींद खुल जाना
- सुबह का सिरदर्द
- दिन के दौरान ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना
- मूड स्विंग, जैसे अवसाद या चिड़चिड़ापन
- उच्च रक्तचाप
- नींद में पसीना आना
- कामेच्छा में कमी
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने के कारण
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया तब होता है जब गले के पीछे की मांसपेशियां बहुत अधिक शिथिल हो जाती हैं। जब मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं, तो सांस अंदर लेने पर वायुमार्ग सिकुड़ जाता है या बंद हो जाता है और 10 सेकंड या उससे अधिक समय तक सांस लेना कठिन हो सकता है। इससे खून में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है और कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण हो सकता है। ऐसे में रोगी थोड़ी देर में ही नींद से जाग जाता है जिससे वायुमार्ग को फिर से खोलना मुश्किल हो जाता है। व्यक्ति सांस की तकलीफ के साथ उठ जाता है जो एक-दो गहरी सांस लेने से तुरंत ठीक हो जाती है। रोगी खर्राटे लेने, दम घुटने या हांफने की आवाज निकाल सकता है।
मेरे अनुभव में, स्लीप एपनिया के लक्षणों में होमियोपैथी बहुत प्रभावी साबित हुई है। सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले दवाओं में शामिल हैं – कैल्क कार्ब, हेपर सल्फ, इपिकाक और सैम्बुकस।
यहाँ मैं एक केस की चर्चा कर रहा हूँ :- 48 वर्ष की महिला को पिछले 5 साल से स्लीप एपनिया की शिकायत थी। इस बीमारी के कारण उन्हें कभी भी 6-7 घंटे की अच्छी नींद नहीं मिल पाती थी।
उन्होंने कहा, कि मुझे लगता है कि मैं कितने सालों से अच्छे से सोइ नहीं हूँ। मुझे और कोई बीमारी नहीं है। रोगिणी मोटी ताज़ी थी और गेहुआँ रंग था। उन्हें गर्मी और सर्दी दोनों से परेशानी होती है।
यदि 3-4 घंटे से अधिक समय तक सूर्य के संपर्क में रहे तो सिरदर्द शुरू हो जायेगा। एक लक्षण उन्होंने बताया कि खाना खा लेने के बाद जबरदस्त नींद आती है
खाना खाने के बाद बस मुझसे कोई काम करने को न बोले, मुझे इतना आलस और नींद आता है कि बता नहीं सकती। खाना खाने के बाद तंद्रा; इसकी सबसे मुख्य दवा calcarea carb और nux vomica है।
शारीरिक बनावट में थुलथुलापन, गर्मी सर्दी दोनों से दिक्कत, बहुत समय सूरज की रौशनी से सिर दर्द और खाना खाने के बाद तंद्रा calcarea carb को पूरी तरह से कवर करता है।
ऐसे में मैंने Calcarea Carb 1M की 2 बून्द 15 दिन में 1 बार लेने की सलाह दी। करीब 2 से 3 महीने में, खर्राटे की समस्या, स्लीप एपनिया और खाना खाने के बाद की तन्द्रा पूरी तरह से ठीक हो गई।
Video On Obstructive Sleep Apnea
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का होम्योपैथिक इलाज
होम्योपैथी आज एक तेजी से बढ़ती हुई प्रणाली है और पूरे विश्व में इसका अभ्यास किया जा रहा है। होमियोपैथी पद्धिति से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का इलाज किया जा सकता है। मैं यहाँ इसकी मुख्य होम्योपैथिक दवा के बारे में लिख रहा हूँ।
AGRAPHIS NUTANS : बढ़े हुए एडेनोइड्स, बढ़े हुए टॉन्सिल, गले में रुकावट के कारण स्लीप एपनिया । नजले की स्थिति के साथ नाक बंद हो जाना । गले के साथ कान में परेशानी में भी अच्छा काम करता है।
Ammonium carb : लंबे समय तक सर्दी रहने के साथ रात में नाक बंद हो जाना। नाक से सांस नहीं ले सकते, दिन में नींद आना, नींद का गला घुँटने जैसा महसूस होने में उपयोगी है।
Aspidosperma : इसे फेफड़ों का डिजिटेलिस माना जाता है। यह दवा ऑक्सीकरण और कार्बोनिक एसिड के उत्सर्जन को बढ़ाकर रक्त के ऑक्सीकरण में अस्थायी बाधा को दूर करता है।
Grindelia robusta : सीने में घरघराहट होना । रोगी सोते समय नींद रुक जाती है, चौंककर उठ जाता है और हांफने लगता है। लेटने पर सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
Lemna Minor : नाक के अर्बुद में फायदेमंद हैं। नाक के छिद्र सूज जाते हैं। नाक से दुर्गन्ध आती है। Nasal obstruction में बहुत अच्छा काम करता है।
Opium : सोते समय दम घुटना। नींद आ रही है लेकिन सो नहीं पाना । खर्राटे लेना, रुक-रुक कर साँस लेना। उदास प्रकृति के व्यक्ति पर अच्छा काम करता है।
Sambucus Nigra : नाक में गाढ़ा और चिपचिपा बलगम जमा होने के साथ नाक में रुकावट होना। बच्चों का सूखा नजला । नींद आने पर अचानक दम घुटना या गला घोंटना या आधी रात को तेज़ पसीने के साथ जाग जाना। बच्चा अचानक जाग जाता है, दम घुटने लगता है, बैठ जाता है, नीला पड़ जाता है। नींद के दौरान बार-बार जागना और श्वसन में रुकावट के साथ शुरुआत होना।
Sanguinaria Nitricum : नेजल पॉलिप्स के कारण नाक में रुकावट महसूस होती है। नाक में जलन के साथ अत्यधिक पानी जैसा बलगम आता है। हाइपरट्रॉफिक प्रक्रिया की शुरुआत में बढ़े हुए टर्बाइनेट्स। नाक का सूखापन. नथुने गाढ़े, पीले, खूनी बलगम से बंद हो जाते हैं।