इस रोग में मस्तिष्क में जल का संचय हो जाता है जिससे वो सामान्य आकार से बहुत बड़ा हो जाता है । साथ ही, सिर का पिलपिला होना, सिर दर्द, भूख न लगना, बेचैनी, चिड़चिड़ापन आदि लक्षण प्रकट होते हैं । यह रोग मुख्यतः बच्चों, विशेषकर नवजात शिशुओं, को ही होता है।
सिर में पानी जमा हो जाने का होम्योपैथिक इलाज
कल्केरिया कार्ब 6 – ब्रम्हतालु का अपुष्ट रहना, सिर का बड़ा मालूम होना आदि लक्षण में इसका प्रयोग करें।
जानें कल्केरिया कार्ब के होम्योपैथिक उपयोग के बारे में
बेलाडोना 30 – चेहरे और आँखे लाल, बुखार, प्रलाप, बकझक आदि लक्षणों में लाभप्रद है।
साईलीशिया 30 – शरीर की अपेछाकृत सिर का बड़ा होना, हाथ पैर लिज़लिज़े, टीका आदि के दुष्परिणाम से रोग होने पर उपकारी है।
सल्फर 30, 200 – रोग बार बार होने पर या रोग पुराना पड़ जाने पर इसे देना चाहिए।