अर्निका 30, 200 – माँसपेशियों का कुचल जाना, चोट लग जाना, चोट का स्थान नीला पड़ जाना, चोट के कारण दर्द रहना आदि लक्षणों में यह दवा लाभप्रद है ।
सिम्फाइटम 200, 1M- किसी भी हड्डी पर चोट लग जाने पर यह सर्वोत्कृष्ट औषधि है । इसका प्रभाव शीघ्र होता है । इससे दर्द में भी राहत मिलती है ।
रूटा 30, 200– हड्डियों पर चोट लग जाना, हड्डियों के आवरण पर चोट लग जाना, मोच आ जाना- इन सभी उपसर्गों में यह दवा लाभप्रद सिद्ध होती है ।
हाइपेरिकम 30- स्नायुओं के दब जाने के कारण दर्द होना, काँटा या आलपिन आदि चुभ जाना, दर्द रहना- इन लक्षणों में दें।
हैमामेलिस Q- जब चोट के स्थान पर खून जमकर वह स्थान काला पड़ जाये तब इस दवा को पाँच गुना ताजा जल में मिलाकर चोट के स्थान पर पट्टी लगानी चाहिये ।